सोनभद्र: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही या फिर उनकी मिलीभगत से कुकुरमुत्ते की तरह अवैध उग रहे झोलाछाप,नीम हकीम

स्वास्थ्य विभाग के नोडल झोला छाप डाक्टर नही कर रहे हैं अवैध हॉस्पिटल की जांच
जनपद सोनभद्र में अभी तक केवल बहुत से ऐसे हॉस्पिटल हैं जो बिना रजिस्टेंसन के चल रहे हैं अपने को विधायक,नेता के रिश्तेदार बताकर संचालित कर रहे हैं
पोल खोल सोनभद्र
रावर्ट्सगंज कोतवाली अंर्तगत ऐसे ऐसे अवैध हॉस्पिटल,व पैथोलाजी,अल्ट्रासाउंड हैं जिसमे अवैध ढंग से चलाया जाता है एक हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन कईयों जगह चलता है वैसे ही एक पैथोलाजी का रजिस्ट्रेशन पूरे सोनभद्र में घूम रहा है इसपर स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ रखा हुआ है अभी बीते दिनों जोरो पर चर्चाए चल रही थी कि एक निजी हॉस्पिटल में बच्चेदानी का आप्रेसन हुआ था लेकिन परिजनों द्वारा बताया गया था
कि उसकी मौत वही हॉस्पिटल में ही हो चुकी थी महिला को वेहोस बताकर वाराणसी लेजाया गया और वहां डाक्टर मृतु घोषित कर दिया निजी हॉस्पिटल द्वारा शव को जलवा भी दिया गया प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व पापी स्थित जोकही गांव निवासी मो0 रफीक 56 वर्ष तकरीबन 6 बजे खैराही में स्थित एक प्राइवेट क्लीनिक में इलाज करवाने के लिए घर से चल कर गए ।उन्होंने डॉक्टर से बताया की उन्हें बहुत जादा कमजोरी लग रही है तो डॉक्टर ने बोतल चढ़ाने की बात करते हुए उन्हें बोतल लगा दिया।
उनके बेटे ने बताया की बोतल चढ़ रहा था तब तक मेरे पिता जी मुझसे बात कर रहे थे। फिर डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगा दिया।इंजेक्शन लगाते ही वे उठकर बैठ गए और बोले की पता नही क्यू बहुत घबराहट हो रही है।जब तक कुछ समझ पाते तब तक वे गिर गए और उनकी मौत हो गई।मौत की खबर सुनते ही डा0 राधेश्याम उन्हें बाहर निकाल कर फरार हो गए। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही या फिर उनकी मिलीभगत से कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे झोलाछाप ,नीम हकीम डॉक्टरों की वजह से आए दिन ऐसा देखा जा रहा है की झोला छाप डॉक्टर के इलाज से लोगों की मौत हो जा रही है
या उनकी बीमारी को और भी गंभीर करके छोड़ दिया जा रहा है।इस लापरवाही में कही न कही सरकारी अस्पताल भी जिम्मेदार है। क्यूंकि सरकारी अस्पतालों में सही से दवा नही की जाती है ।रामभरोसे चल रहे सरकारी अस्पतालों में दवा चल रही है तो उनका समय फिक्स है ।अगर उसके बाद कोई बीमार होता है तो कहां जाए। तब तो उनके लिए भगवान झोलाछाप डॉक्टर ही हो रहे है।मुख्यालय से लेकर पूरे नगर तक सैकड़ो हॉस्पिटल हो गए है
जिसमे सरकारी हॉस्पिटल से मरीजो को खींचकर अपने हॉस्पिटल में लेजाकर मोटी रकम वसूलते है इतना ही नही हॉस्पिटल संचालक अपने दबंगई पर करते हैं। “जब इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश सिंह ठाकुर से बात हुई तो उन्होंने बताया कि जब से हम आये है बहुत कुछ सुधार हुआ है और जो बिना रजिस्ट्रेशन के हॉस्पिटल या पैथोलाजी चल रहे है उसपर शक्त कार्यवाई करूंगा”।