
अतीक व उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद जिगाना पिस्टल की काफी चर्चा हो रही है। सिद्धू मूसेवाला का मर्डर भी इसी मेड इन टर्की पिस्टल से किया गया था। अतीक और अशरफ पर 12 सेकेंड के अंदर 22 राउंड फायरिंग हुई थी। महज 20 सेकेंड में माफिया भाइयों का काम तमाम करने वाली यह पिस्टल गैंगस्टरों की पहली पसंद बनी हुई है।
पंजाब में कई गैंगवॉर के दौरान जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल होता रहा है। पाकिस्तान से तस्करी कर लाई गई जिगाना से ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी। 29 मई 2022 को पंजाब के मानसा में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को गोलियों से छलनी किया गया था। हिला देने वाली इस वारदात में जिन हथियारों का इस्तेमाल हुआ था, उनमें ज्यादातर ऑटोमैटिक पिस्टल थीं।
ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्टल, रूसी एएन-94, जर्मनी की पी-30 हैंडगन के साथ ही तुर्की में बनी हुई जिगाना पिस्टल का इस हत्याकांड में इस्तेमाल हुआ। जिगाना पिस्टल का पंजाब में कई गैंगवॉर के दौरान प्रचलन बढ़ा है। जानकारों ने बताया कि पाकिस्तान के रास्ते ड्रोन के जरिए जिगाना की तस्करी पंजाब में खूब होती रही है।
पंजाब में गैंगस्टरों की पसंद होने के पीछे एक बड़ी वजह जिगाना का लॉकिंग सिस्टम भी है। लॉक स्लाइड शॉर्ट रिकाइल ऑपरेटिंग सिस्टम इस पिस्टल की खूबी है। इसमें एक ऑटोमैटिक फायरिंग पिन ब्लॉक भी होता है। इसके साथ ही एक किलो से कम वजन वाली इस पिस्टल से एक बार में 15 राउंड फायरिंग हो सकती है। 9 एमएम की इस पिस्टल के अलग-अलग मॉडल का वजन 720 से लेकर 920 ग्राम के बीच होता है।
जिगाना पिस्टल अपनी बेहतरीन मारक क्षमता के लिए जानी जाती है। तुर्की फायरआर्म कंपनी टीसास इस पिस्टल को बनाती है। पांच से सात लाख रुपये कीमत वाली जिगाना से निकली गोली का निशाना अचूक होता है। इसके कुल 11 वैरिएंट्स हैं। जिगाना के अलग-अलग वैरिएंट में डबल ऐक्शन रिकॉयल की टेक्नीक है। इसके चलते मैगजीन पिस्टल में आसानी से लोड हो जाती है।
सिद्धू मूसेवाला मर्डर और अतीक-अशरफ हत्याकांड के अलावा यूपी के चित्रकूट जेल में हुए शूटआउट में भी जिगाना का इस्तेमाल हुआ। मई 2021 में मुकीम काला और मेराजुद्दीन नाम के बदमाशों की चित्रकूट जेल के अंदर गैंगवॉर में हत्या हुई थी। अंशू दीक्षित नाम के शूटर ने जिगाना की गोलियों से दोनों गैंगस्टरों को भून दिया था।
हालांकि जिगाना दुनिया की टॉप-10 पिस्टल में नहीं है। अतीक के बेटे असद अहमद के पास से झांसी में एनकाउंटर के बाद जर्मन मेड वॉल्थर पी-88 पिस्टल मिली थी। हालांकि भारत में जिगाना पिस्टल पर बैन है। वहीं पाकिस्तान में अवैध फैक्ट्रियों में बनाकर इसकी बॉर्डर से तस्करी होती है।