
अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ इस साल की चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गयी है। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयी धामों में दर्शनार्थियों की अधिकतम दैनिक संख्या तय करने संबंधी अपना निर्णय भी वापस ले लिया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पहले चारों हिमालयी धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की अधिकतम दैनिक संख्या निर्धारित करने का फैसला लिया था लेकिन तीर्थ पुरोहित और टूर ऑपरेटर इस निर्णय को वापस लेने का दबाव बना रहे थे।
इसलिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा निर्णय लिया गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान प्रत्येक धाम में श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन के लिए सीमित रखने के संबंध में पूर्व में लिए गए निर्णय को वापस लिया जाता है। हालांकि, आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यात्रियों की ट्रैकिंग में मददगार पंजीकरण की ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया जारी रहेगी।
आदेश में यह भी कहा गया है कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा को ध्यान में रखकर भीड़ को नियंत्रित करने हेतु आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी। जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट आज से खुल गये हैं। गढ़वाल हिमालय के चारधामों में से दो अन्य धाम, केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को और बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। दरअसल सर्दियों में भारी बर्फबारी और भीषण ठंड के कारण हर साल चारों धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो छह माह बाद अगले साल गर्मियों में खुलते हैं।
मुख्यमंत्री ने चारधाम श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा उन्हें लेकर जा रही बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इधर ऋषिकेश में आयोजित ऋषिकेश से चारधाम यात्रा- 2023 कार्यक्रम में सीएम धामी ने चारों धामों के देवी-देवताओं बाबा केदार, बदरीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमुनोत्री से विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी यात्रा के धूमधाम एवं कुशलतापूर्वक संपन्न होने की प्रार्थना की।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस बार सरकार की तरफ से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करने का भी निर्णय लिया गया है। चारधाम यात्रा को उत्तराखंड के लिए एक उत्सव बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु राज्य में आते हैं जिससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
इस वर्ष अभी तक 16 लाख लोगों द्वारा पंजीकरण करवाया है और सरकार प्रत्येक श्रद्धालु की यात्रा सुगम और शत-प्रतिशत सुरक्षित करने में जुटी है। इस बीच, उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री मंदिर और यमुनोत्री मंदिर के कपाट हवन और वैदिक मंत्रोच्चार के बाद खुल गये। शनिवार दोपहर बाद 12:35 पर गंगोत्री के कपाट खुले जबकि 12:41 पर यमुनोत्री के कपाट खुले। दोनों धामों में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है।