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दक्षिण अफ्रीकी अब होगा नया ठिकाना चीतों का

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क से कुछ चीतों को दूसरी जगह भेजा जाएगा। इसके लिए मध्य प्रदेश वन और वन्यजीव विभाग ने केंद्र को चिट्ठी लिखी है। कूनो में दो खेप में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीते रखे गए थे। इनमें से दो की मौत होने के बाद अब 18 बचे हैं। चीतों को कब और कहां शिफ्ट किया जाएगा, यह अभी तय नहीं है। चीतों को घूमने-फिरने के लिए ज्यादा जगह उपलब्ध कराने के लिए यह फैसला किया गया है।

 

 

वन अधिकारियों के अनुसार कुछ चीतों को दूसरी जगह भेजने का प्रस्ताव पहले से ही चीता रीइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट का हिस्सा था। रविवार को नर चीता उदय की अचानक मौत के बाद इसे जल्दी लागू करने का निर्णय लिया गया है। विभाग ने नया प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है। एमपी के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने कहा कि 748 वर्ग किलोमीटर में फैले केएनपी में एक समय में अधिकतम 21 चीतों को रखने की क्षमता है।

 

 

इस लिहाज से 18 चीतों के लिए पर्याप्त जगह है, लेकिन वे स्वच्छंद होकर विचरण कर सकें और सुरक्षित रहें, इसके लिए इस संख्या को कम करने की आवश्यकता है। चौहान ने मंगलवार को बताया कि सभी चीतों को एक जगह रखना जोखिम भरा होगा। इसलिए केंद्र से उनमें से कुछ को शिफ्ट करने के लिए वैकल्पिक स्थान खोजने का अनुरोध किया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने चीतों को केएनपी से स्थानांतरित किया जाएगा।

 

 

नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को केएनपी के बाड़े में दो चरणों में छोड़ा गया था। इनमें से दो की एक महीने के भीतर मौत हो गई है। मादा नामीबियाई चीता साशा की 27 मार्च को गुर्दे से संबंधित बीमारी से मृत्यु हो गई, जबकि नर चीता उदय की रविवार को हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।

 

वन मंत्रालय की देखरेख में बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा प्रोजेक्ट चीता की निगरानी की जाती है। नए आवासों और स्थानांतरित किए जाने वाले चीतों की संख्या को अंतिम रूप एनटीसीए ही देगा। सूत्रों अनुसार कम से कम चार-पांच चीतों (नर और मादा दोनों) को एक नए आवास में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

 

 

 

सूत्रों के मुताबिक सबसे अधिक संभावना है कि चीतों को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (एमएचटीआर) में स्थानांतरित किया जाएगा, जो राजस्थान के कोटा जिले में स्थित है। चीता विशेषज्ञों ने भी एमएचटीआर को चीतों के लिए सर्वोत्तम वैकल्पिक साइट के रूप में सुझाया है, क्योंकि इसे जोखिम प्रबंधन योजना में भी शामिल किया गया था।

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