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वैक्सीन लगवाना आवश्यक स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए

जानलेवा कोरोना वायरस के बढते मामलों के बीच हैल्थ एक्सपर्ट्स ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है। ऐसे में खासकर जो बच्चे स्कूल जाते हैं उन सबके लिए वैक्सीन लगवाना भी आवश्यक है। बच्चों की वैक्सीन को लेकर हैल्थ एक्सपर्ट्स ने कुछ नई अपडेट्स भी बताई हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में 15 साल से कम उम्र के बच्चे कोविड से संक्रमित हो रहे हैं।

 

 

तो चलिए जानते हैं इसके बारे में कोविड के सामने आ रहे मामलों में बच्चों में दिखने वाले लक्षण हल्के हैं। ताजा शोध के अनुसार, कोविड के तीनों चरणों में अस्पताल में दाखिल बच्चे बाकी देशों से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। शोध में 2,000 अस्पतालों में दाखिल बच्चों पर सर्वे किया गया जिसमें यह सामने आया कि मौत का आंकड़ा अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा पाया गया है। वहीं शोध में यह भी सामने आया कि 2/3 हिस्से में बच्चे इन प्रॉबलम्स से जल्दी रिकवर हो रहे हैं।

 

 

वहीं इसके अलावा मृत्यु दर 18.6 प्रतिशत से 10 गुणा प्रतिशत 1.8 से 2 प्रतिशत अस्पाल में दाखिल बच्चों में अच्छी इकोनोमी वाले देशों में ज्यादा पाया गया है। हालांकि वैक्सीन बच्चों को इस बच्चों को इंफेक्शन से नहीं बचा सकती लेकिन उनका खतरनाक बीमारी से बचाव जरुर कर सकती है। भारत में सिर्फ 12 साल के बच्चों को ही कोविड की वैक्सीन लगाई जा रही है जबकि बाकी देश जैसे यूएस में प्रशासन के द्वारा शिशु और जो बच्चे छ: महीने से ज्यादा है उन्हें भी वैक्सीन लगाई गई है। हैल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पैडिट्रिशियन वैक्सीन बीमारियों से बचाव करेगी और यह बच्चों को जरुर लगवानी चाहिए।

 

 

 

वहीं सरकार को भी माता-पिता को इस वैक्सीन को बच्चों को लगवाना चाहिए। जो बच्चे अपने दादा-दादी के साथ समय व्यतीत करते हैं उन्हें यह समस्या हो सकता है और इसके अलावा हैल्थकेयर और वर्कर को भी समस्या से इंफेक्ट होने का ज्यादा रिस्क है। वहीं डॉक्टर्स का यह भी मानना है कि यजि बच्चे ठीक नहीं है उन्हें फ्लू के लक्षण जैसे खांसी, जुकाम, गले में खराश जैसी समस्या हैं तो उन्हें स्कूल भी नहीं भेजना चाहिए। इसके अलावा कुछ स्कूलों से बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मास्क पहनना, टैंप्रेचर चैक करना, नियमित हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी चीजों को भी अपनाना शुरु कर दिया है।

 

 

 

वहीं डॉक्टर्स का यह भी मानना है कि अभी तक वैक्सीन बच्चों के लिए उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में उन्हें फ्लू शॉट देना चाहिए। फ्लू शॉट से बच्चों को बुखार की समस्या थोड़ी कम होगी। हैल्थ एक्सपर्ट्स ने कोविड के बढ़ते मामलों को देख वैक्सीन का डोज भी बढ़ाना शुरु कर दिया है। हफ्ते में करीबन 89.8 प्रतिशत वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं जो बच्चे 12-14 की उम्र के हैं उन्हें दौगुणी मात्रा में वैक्सीन की डोज दी जाएगी।

 

 

सात दिनों तक करीबन 7.4 प्रतिशत तक वैक्सीन की डोज लगा दी जाएगी और जो 15-17 साल की उम्र के बच्चे हैं उन्हें करीबन 2.8 प्रतिशत वैक्सीन की डोज लग चुकी है। कोविड की वैक्सीन पैडिट्रिशयन बच्चों को अलग-अलग फेसेज में लगाई जाएगी। यह नई वैक्सीन है और सभी उम्र के लोगों की दी जा सकती है।

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