
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कर्नाटक में इन दिनों स्टार प्रचारक के रूप में मौजूद हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद कर्नाटक के लोगों में सीएम योगी की मांग और बढ़ गई है।
15 अप्रैल को प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी। कर्नाटक में योगी के इस करिश्मे के पीछे उनका एक वीडियो भी है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और योगी आदित्याथ की बहस हुई थी। इसमें उमेश पाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर और माफिया के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस की बात कही थी।
कर्नाटक में 10 मई को मतदान होने जा रहा है और 13 मई को परिणाम घोषित किए जाएंगे। बीते कई सालों से भाजपा योगी आदित्यनाथ को अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल करती है। इस बार भी पार्टी ने योगी का करिश्मा देखने के लिए उन्हें कर्नाटक भेजा है। हिंदूवादी छवि वाले योगी आदित्यनाथ के लिए तटीय कर्नाटक अच्छी जमीन बना हुआ है। यहां हिंदुत्व एक बड़ा मुद्दा है।
भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि माफिया भाइयों की हत्या और उससे पहले असद और गुलाम का एनकाउंटर के बाद तटीय कर्नाटक में योगी आदित्यनाथ की पॉपुलरिटी बढ़ गई। यहां पीएफआई का भी मुद्दा हावी रहता है। वहीं पार्टी योगी आदित्यनाथ को इस रूप में प्रोजेक्ट कर रही है कि पार्टी अपराधियों को बर्दाश्त नहीं करती है।
दूसरी तरफ यहां टिकट, डॉक्टर, वकील, पूर्व आईएएस और आईपीएस को दिया गया है, जिससे लोगों का विश्वास जीता जा सके। भाजपा के 40 स्टार प्रचारकों में पीएम मोदी, अमित शाह समेत योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री यहां कम से कम 12 रैली करने वाले हैं। कर्नाटक में अतीक का मुद्दा तब से ज्यादा गरम हो गया, जब भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें कांग्रेस के स्टार कैंपेनर इमरान प्रतापगढ़ी माफिया अतीक के साथ उसके घर पर नजर आ रहे थे। मालवीय ने कहा था कि इमरान प्रतापगढ़ी को माफी मांगनी चाहिए कि उनकी करीबी माफिया अतीक अहमद के साथ थी।