सिर्फ चिंता-तनाव ही नहीं, आयरन की कमी भी बन सकती है डिप्रेशन का कारण

मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना मौजूदा समय की प्राथमिकता है। चिंता-तनाव जैसी स्थितियों को अनदेखा करना अवसाद जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है, यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को स्वस्थ जीवनशैली और आहार पर गंभीरता से ध्यान देने की सलाह देते हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में भी तेजी डिप्रेशन का जोखिम बढ़ रहा है, कम उम्र में ही लोग इस समस्या के शिकार देखे जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ चिंता-तनाव की स्थिति ही नहीं, आपके आहार में पौष्टिकता की कमी के कारण भी डिप्रेशन होने का खतरा हो सकता है। इसके लिए अध्ययनों में शरीर में आयरन की कमी को एक कारण के रूप में देखा गया है।
आयरन, शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज है जो स्वाभाविक रूप से कई खाद्य पदार्थों में मौजूद होता है। आयरन हीमोग्लोबिन का एक आवश्यक घटक है, हीमोग्लोबिन वह प्रोटीन है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त के संचार में मदद करता है। अध्ययनों में पाया गया है कि जिन लोगों में आयरन की कमी होती है, उनमें अन्य लोगों की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य विकार, विशेषतौर पर डिप्रेशन होने का खतरा अधिक हो सकता है। आइए इस बारे में जानते हैं।