FEATUREDउत्तर प्रदेशक्राइमभारतसोनभद्र

Sonebhadra: 13 वर्ष पूर्व पांच वर्षीय इकलौते बालक को शर्बत में जहर पिलाकर मारने के मामले में हत्या के तीन दोषियों को उम्रकैद

पोल खोल सोनभद्र

25- 25 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

13 वर्ष पूर्व पांच वर्षीय इकलौते बालक को शर्बत में जहर पिलाकर मारने के मामले में वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर तीन दोषियों रामप्रसाद, शांति देवी व पप्पू को उम्रकैद व 25- 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक करमा थाना क्षेत्र के सिरवीट गांव निवासी रामलाल ने न्यायालय में दाखिल धारा 156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के प्रार्थना पत्र में अवगत कराया है कि एक फरवरी 2010 को दोपहर एक बजे की घटना है। उस समय घर पर वह और उसकी पत्नी मौजूद नहीं थे। उसी समय सिरवीट गांव निवासी रामप्रसाद पुत्र मानाधारी व शांति देवी पत्नी रामप्रसाद तथा धौरहरा गांव निवासी पप्पू पुत्र नरेश समेत पांच लोग उसके घर में आकर उसके 5 वर्षीय इकलौते बालक चंदन को शर्बत में जहर डालकर पिला दिया।

इसके बाद बेटे की हालत बिगड़ने लगी तो घर पर मौजूद लड़कियों ने शोरगुल करना शुरू कर दिया। शोरगुल की आवाज सुनकर आस पास व गांव घर के लोग मौके पर आ गए। उसके बाद बेटे को लेकर जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए वाराणसी रेफर कर दिया। जहां चार घंटे तक बेटा अस्पताल में जिंदा रहा उसके बाद डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम के बाद बेटे के शव को उसे दे दिया गया। बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद करमा थाने जाकर 3 फरवरी 2010 को सूचना दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब एसपी सोनभद्र को रजिस्टर्ड डाक से सूचना दिया फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई। कोर्ट के आदेश पर करमा पुलिस ने 7 अप्रैल 2010 को रामप्रसाद, शांति देवी व पप्पू समेत पांच लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया।

पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर तीन दोषियों रामप्रसाद, शांति देवी व पप्पू को उम्रकैद व 25 – 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।

[URIS id=12776]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button