Sonebhadra: डा०रमेश सिंह ठाकुर मुख्य चिकित्साधिकारी,सोनभद्र को निलंबित करते हुए पत्र में नोडल अधिकारी डॉ गुरु प्रसाद पर भी गंभीर अनियमिता भी दर्शाया गया है।

पोल खोल सोनभद्र
सोनभद्र में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (लेवल – 4) स्तर के चिकित्साधिकारी के तैनात होने के बावजूद डा० गुरु प्रसाद, लेवल-2 एम०ओ०आई०सी० सी०एच०सी०, घोरावल, सोनभद्र को नियम विरुद्ध तरीके से क्लीनिकल एवं मेडिकल स्टैबलिसमेन्ट एक्ट का नोडल अधिकारी नामित कर गंभीर अनियमितता एवं लापरवाही बरतने आदि आरोपों हेतु प्रथमदृष्टया दोषी पाये जाने के दृष्टिगत डा० ठाकुर को उ०प्र० सरकारी सेवक ( अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-4 के अन्तर्गत तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित करते हुए कार्यालय महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, उ०प्र० लखनऊ से सम्बद्ध किये जाने की एतद्द्वारा राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
2- उल्लेखनीय है कि निलम्बन की अवधि में डा० रमेश सिंह ठाकुर को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2, भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन का राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन भत्ते की धनराशि पर महँगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है भी अनुमन्य होगा। किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ते का उपान्तिक समायोजन प्राप्त नहीं था।
निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त भत्ते अनुमन्य है। 3- उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि डा० रमेश सिंह ठाकुर इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं।