मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निवास पर पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित किया।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी उददेश्य से वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में पर्यटन को उद्योग को दर्जा दिया गया है।सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में पर्यटन उद्योग और मजबूत हो। ज्यादा से ज्यादा पर्यटक राजस्थान आएं, जिससे रोजगार के अधिकाधिक अवसर भी पैदा हो सकें। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन विकास पर 1000 करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे हैं। राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्गों पर ‘स्पेशल टूरिज्म जोन‘ बनाने के लिए योजना बनाई जाएं, ताकि वहां पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित हो सकें। ऐसे स्थानों का पर्यटन विशेषज्ञों द्वारा निरीक्षण कराया जाए। राजस्थान जैसा स्वागत सत्कार किसी और राज्यों में नहीं होता है। इसे बनाए रखने के लिए नए विचारों के साथयोजना बनाएं। विभिन्न विषयों पर सेमिनार, फेस्टिवलों का आयोजन किया जाएं।
निर्देश दिए कि राजस्थान की एक ब्रांड के रूप में पहचान बनाने के लिए विशेष अभियान चलाएं। राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ब्राण्डिंग से पर्यटन को न केवल नई पहचान मिलेगी, बल्कि उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान जैसा लोकेशन देश में और कही भी नहीं है। बैठक में पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन फिर से प्रारंभ करने पर भी चर्चा हुई।
प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्रीमती गायत्री ए. राठौड़ ने बताया कि 22 से 24 जुलाई तक जयपुर में राजस्थान डेमोस्टिक ट्रेवल मार्ट का आयोजन किया जाएगा। इसमें देशभर से टूर ट्रेवल ऑपरेर्ट्स, फिल्म निर्माता-निर्देशक, कलाकार सहित पर्यटन से जुड़े प्रमुख लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभाग प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 10 प्रमुख नए फेस्टिवलों को शामिल किया जा रहा हैं। इनमें इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल, इंटरनेशनल हॉट एयर फेस्टिवल पुष्कर-आमेर, राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल जयपुर, सांभर फेस्टिवल, फेस्टिवल एट बूंदी स्टेपवैल्स, इंटरनेशनल काईट फेस्टिवल, कोटा रिवर क्रूज फेस्टिवल, जहान-ए-खुसरो, इंटरनेशनल फोटोग्राफी फेस्टिवल, फेस्टिवल्स फॉर डेस्टिनेशन डवलमेंट (शेखावटी एवं भरतपुर) प्रमुख है। यह पर्यटन कैलेंडर में शामिल किए जाएंगे।