Sidhi : जल जीवन मिशन का काला सच: पानी के लिए तरस रहे लोग,पीएचई के कारिंदो ने योजना पर लगाया ग्रहण

पोल खोल सीधी
सरकार का घर-घर पानी पहुंचाने का जल जीवन मिशन दम तोड़ रहा है। घरों तक न नल पहुंचा न जल। हाल यह है कि हर घर जल पहुंचाने की योजना सीधी में लगभग फ्लाप है। प्रशासन भले घर-घर पानी पहुंचाने के दावे कर ले लेकिन हकीकत किसी से छिपी नही है। रिकार्ड में सीधी जिला वर्तमान समय में 30 प्रतिशत घरों में पानी पहुंचा रहा है। सीधी जिले को 2 लाख 13 हजार 090 घरों में पानी पहुंचाना था लेकिन पीएचई के अधिकारी-कर्मचारी महज 67,460 हजार घरों तक पानी पहुंचाने में सफल हुए है। वहीं जिले के अधिकारी हैंडपंप खटर-पटर बंद कराने में पूरी तरह फेल रहे है।
इन्होने न जनता की पानी की समस्या का ध्यान दिया और न मुख्यमंत्री की घोषणा पर। विभागीय मनमानी का नतीजा यह रहा कि जिले की नाक प्रदेश भर में कट रही है। विभाग 2 लाख 13 हजार 090 घरों में से महज 67 हजार 460 को ही नल कनेक्शन दे पाया। अपनी नाकामी छिपाने के लिए पीएचई के जिम्मेदारों द्वारा कम कर्मचारियों का रोना रोया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि जिम्मेदारों द्वारा अधिकारियों से जमकर कमीशनखोरी करने के बाद उनको कार्य करने की खुली छूट प्रदान की गई है जिससे जिले में नलजल योजना मात्र कागजों में ही दिखाई दे रही है।
वास्तविक धरातल पर यह योजना कोसो दूर है। यहां सप्ताहिक मीटिंग के दौरान प्रगति लाने के निर्देश एवं लापरवाह ठेकेदारों पर कार्रवाई करने की बात कही जाती है लेकिन जैसे ही मीटिंग खत्म होती है उसके बाद कहां क्या हो रहा है जानने की जरूरत नही समझी जाती है। अभी ताजा मामला रौहाल का सामने आया है जहां ठेकेदार द्वारा पानी टंकी बनाने में जमकर लापरवाही की जा रही है लेकिन उक्त ठेकेदार पर कार्रवाई करने से परहेज किया जा रहा है।
राजगढ़ में नही शुरू हुई सप्लाई: जिले में ग्रामीण नल जल योजनाओं का बुराहाल है। जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत नल जल योजनाओं में संविदाकारों की मनमानी भारी पड़ रही है। इस गर्मी के मौसम जिन नल जल योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को पेयजल मुहैया हो जाना था, उनका अभी काफी कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। संविदाकारों द्वारा जिस गति से कार्य किया जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल जनपद पंचायत सिहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत राजगढ़ में निर्माणाधीन नल जल योजना का है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में स्वीकृत नल जल योजना के तहत पानी टंकी लगाने व घरों के सामने नल की टोंटियां लगाने का कार्यदो-तीन महीने पहले ही पूरा हो गया था, लेकिन पाइप लाइन बिछाने का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।
35 योजनाओं का नही हुआ अनुबंध
प्रत्येक गांव या पंचायत में जल जीवन मिशन की किसी भी योजना की कुल लागत 18 से 22 लाख रूपए तक पहुंचना बताया गया है। जिले में जल जीवन मिशन की 177 योजनाएं घर-घर पानी पहुंचाने के लिए निर्मित कराई जा रही हैं। जिसमें 7 योजनाओं से आवादी क्षेत्रों के घरों में नल का पानी पहुंचना शुरू हो गया है। वहीं 39 योजनाएं बतौर प्रयोग चल रही हैं। अब 35 योजनाओं में ठेकेदार व विभाग के बीच अनुबंध का काम बकाया है। जिले में 18410 हैण्डपम्प बताये गए है उनमें से आधे हवा उगल रहे है। पीएचई के जिम्मेदार अधिकारियों ने जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदारों द्वारा पंचायतों में कराये जा रहे कार्य को पूरी तरह से छूट प्रदान कर दी गई है जिससे ठेकेदार पंचायतों में घटिया कार्य कराने में तुले हुए है।
करौंदी गांव की नल जल योजना फेल
जनपद पंचायत सिहावल के करौंदी गांव की नल जल योजना का भी हाल कुछ इसी तरह का है। लोगों द्वारा बताया कि बीते करीब एक वर्ष से इस नल जल योजना के माध्यम से ग्रामीणों को पेयजल मुहैया नहीं हो पा रहा है। इसकी कई बार शिकायत की गई, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया। उन्होंने बताया कि बंद पड़ी योजना को संचालित करने के लिए सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। इस भीषण गर्मी में जल स्रोतों के सूख जाने से गांव में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित हो चुकी है।
नल कनेक्शन की स्थिती
लक्ष्य कनेक्शन प्रतिशत
213090 67460 31.66
योजना शुरू होने के बाद किए गए नल कनेक्शन
कनेक्शन प्रतिशत
50014 25.56
यह ऑकड़े विभागीय पोर्टल से लिए गए है।