एनसीएल दूधिचुआ परियोजना में 100 टन क्षमता वाला डंपर KM 34 बड़ा हादसा होते होते टला प्रबंधन की घोर लापरवाही आई सामने

सिंगरौली पोल खोल
आपको बताते चलें एनसीएल दूधिचुआ परियोजना आए दिन सुर्खियां बटोर रहा है प्रबंधन की एक लापरवाही फिर आई सामने बीती रात रात्रि पाली डंपर ऑपरेटर शैलेंद्र सिंह एक्स आर्मी उम्र लगभग 40 वर्ष बाल बाल बच गए डंपर ऑपरेटर दूधिचुआ खदान के इंस्ट्र सेक्स सन के सावल मशीन से कोयला लोड कर डंपर क्रमांक KM34 डंपिंग यार्ड पहुंचा इसी दौरान कोयला का डंपिंग यार्ड का डिवाइडर सही ना होने के कारण 100 टन क्षमता वाला डंपर 30 फीट खाई में जाने से लटक गया
हाला की घटना में ऑपरेटर शैलेंद्र सिंह एक्स आर्मी को मामूली चोट आई है सूत्र बताते हैं कि घटना की सूचना मिलते ही एनसीएल दूधिचुआ खदान के अधिकारी शिफ्ट शिफ्ट इंचार्ज गहरवार साहब और DGM माइंस राजीव चोपड़ा घटनास्थल पर काफी देर से पहुंच थे एनसीएल दूधिचुआ खदानों में हादसों में कमी नहीं आ रही है इससे कंपनी को नुकसान के साथ ही कर्मचारियों की जान खतरे में रहता है सूत्र बताते हैं कि कोयला उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों पर खासा दबाव रहता है
ऐसे में इस तरह की घटना होना लाजमी है सूत्रों के अनुसार डंपर ऑपरेटरों द्वारा यह तो स्वार्थवर्ष कोयला फेस में डमप पर ले जाया जाता है अथवा कभी कबार डंपर ऑपरेटर की शिकायत को नजर अंदाज कर प्रबंधन द्वारा जबरन मशीनों का परिचालन कराया जाता है सूत्र बताते हैं की कॉल डंपिंग यार्ड मे लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है केवल डंपर की लाइट के भरोसे डम किया जा रहा है तो दुर्घटना होना तो लाजमी है
यह तो ऊपर वाले की कृपा रही की डंपर ऑपरेटर शैलेंद्र सिंह बाल बाल बच गए और परियोजना में बड़ा हादसा होते-होते टल गया बताते चले की KM34 ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है केवल हाइड्रोलिक पाइप और डीजल टैंक क्षतिग्रस्त हुआ है कहते हैं कि खदान क्षेत्र में हमेशा आसुरक्षित तरीके से प्रबंधन द्वारा काम कराया जाता है जो घटना का कारण बनता है जिसको लेकर श्रमिकों में असंतोष व्याप्त है