नेता जी के यहां कार्यक्रम,प्रशासन को दिखा अतिक्रमण,चला बुलडोजर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी।

नेता जी के यहां कार्यक्रम,प्रशासन को दिखा अतिक्रमण,चला बुलडोजर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी।
सीधी सिहावल। सीधी जिले के #A78 सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बहरी तहसील क्षेत्र के लौआ देवी मंदिर के मुख्य पहुंच मार्ग (गेट से लेकर मंदिर परिसर) तक प्रशासन के द्वारा बुलडोजर के माध्यम से अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही की गई।
ग्रामीणों ने कहा किया गया भेदभाव
इस अतिक्रमण की कार्यवाही के खिलाफ ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है तथा कहा है कि आगामी एक-दो दिन बाद सीधी सिंगरौली संसदीय क्षेत्र के सांसद श्रीमती रीति पाठक के गांव पतुलखी में कार्यक्रम है। शायद इसलिए प्रशासन यह अतिक्रमण की कार्यवाही कर रहा है। अन्यथा यह अतिक्रमण प्रशासन की नजरों में विगत 10 वर्ष से नजर नहीं आया।
ग्रामीणों ने कहा सभी जगह का हटाए अतिक्रमण
ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि सड़क चौड़ीकरण हो रही है यह अच्छी बात है। लेकिन भेदभाव की जा रही है या गलत बात है। अगर आक्रमण हटाना ही है तो पहले पटवारी एवं राजस्व विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा इसका सीमांकन करा लिया जाए एवं जहां तक अतिक्रमण है इसके पश्चात कार्यवाही की जाए। वहीं ग्रामीण शख्स ने यह भी कहा कि यदि सीधी सांसद श्रीमती रीति पाठक के यहां कार्यक्रम ना होता तो यह कार्यवाही ना होती।
क्या अन्य जगह के हटेंगे अतिक्रमण खड़े हो रहे सवाल
प्रशासन के द्वारा जिस तरह से तत्परता दिखाते हुए अतिक्रमण की कार्यवाही की गई है। क्या इसी तरह से प्रशासन बहरी बाजार सहित हिनौती बाजार सोनबरसा बाजार सहित अन्य जो बाजार है जहां पर ज्यादा जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। एवं प्रशासनिक अधिकारी भी आते जाते हैं। और जाम में फंसते हैं क्या वहां भी अतिक्रमण की कार्यवाही करने के लिए प्रशासन हिम्मत जुटा पाएगा खासकर हिनौती बाजार में।
कैमरे के सामने बोलने से बचते नजर आए तहसीलदार
उक्त कार्यवाही को लेकर जब मीडिया के द्वारा बहरी प्रभारी तहसीलदार सौरव मिश्रा के द्वारा कार्यवाही को लेकर सवाल किया गया तो वह कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिए और कहा कि इस संबंध में कलेक्टर साहब जानकारी देंगे सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि यदि कार्यवाही में तहसीलदार हैं तो जवाब कलेक्टर देंगे क्यों..?
दबे मुंह ग्रामीण कर रहे हैं बात परंतु सामने आने से कतराते नजर आ रहे हैं क्योंकि हिम्मत नहीं जुटा पा रहे अपनी बात कहने के लिए कि आखिर यह अतिक्रमण वर्तमान इसी समय क्यों हटाया जा रहा है जबकि बहरी अमिलिया सोन नदी का फूल काफी दिनों से बंद है और यह चलाना अति आवश्यक है जिससे जनता परेशान हो रही है इस पर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा और अतिक्रमण सिर्फ एक गांव का नजर आ रहा है शायद इसके पीछे की कहानी शायद प्रशासन ही समझ पाए….