नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि को लेकर राजस्व कोटवार ने सिहावल तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम से सौंपा ज्ञापन…

नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि को लेकर राजस्व कोटवार ने सिहावल तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम से सौंपा ज्ञापन…
सीधी सिंहावल। नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि को लेकर राजस्व कोटवार संघ ने सिहावल तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए म०प्र० भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 16 के तहत प्रत्येक जिले में वरिष्ठ राजस्व अधिकारी जैसे कलेक्टर धारा 17 अपर कलेक्टर धारा 19 तहसीलदार एवं धारा 104 के तहत पटवारी की नियुक्ति का प्रावधान है, तथा इसी भू-राजस्व संहिता की धारा 230 में प्रत्येक ग्राम अथवा ग्रामों के समूह के लिये ग्राम कोटवार की नियुक्ति का प्रावधान है, यानि कि कोटवार सहित उपरोक्त सभी पद संवैधानिक लोक सेवक के पद हो कर राज्य शासन द्वारा विधिवत संवैधानिक रूप से सुर्जित किए गए पद है।
परन्तु सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि पद की गरिमा के विरूध सभी तहसीलों में वगैर और अन्य कार्य कराये जा रहे है, इससे कोटवारों के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है और 4000 हजार रु के मानदेय में कार्यरत कोटवारों को तहसील कार्यालय में डियुटी सहित थाने की हाजरी, चैक पोस्ट, और पटवारी के साथ-साथ पटवारी हल्के में भी उपस्थित रहना पडता है। तथा पटवारी हल्के से संबंधित अन्य जानकारियां पुलिस एवं संबंधित कार्यालय को सूचना पहुचाना पड़ता है। जिससे कोटवारों को प्राप्त होने वाली प्रति दिन की मजदूरी 133.33 पैसे है, जो वर्तमान समय के मुताविक बहुत कम है। जिससे अपने परिवार का भरण-पोषण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं परवरिस करने में असमर्थ है। जिसे लेकर सिहावल तहसील प्रांगण में सिहावल तहसीलदार को नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि को लेकर राजस्व कोटवार संघ के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी माग को रखा।