मध्यप्रदेश

मैरिज गार्डन संचालक बेलाम, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन,शादी समारोह में घरेलू गैस सिलेंडर, बारातों में लहराते हथियार, कान फोडू डीजे और फिर जाम।

मैरिज गार्डन संचालक बेलाम, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन,शादी समारोह में घरेलू गैस सिलेंडर, बारातों में लहराते हथियार, कान फोडू डीजे और फिर जाम।

सीधी:- फरवरी के 28 दिनों में 13 दिन विवाह के मुहूर्त हैं। यही वजह है इन दिनों आए दिन कहीं न कहीं शादियां हो रही हैं। यह आयोजन जहां कुछ लोगों के लिए खुशियां लेकर आए हैं वहीं कुछ लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इसकी वजह है मैरिज गार्डन संचालकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन न करना। हालांकि इन आदेशों का पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन और नगर पालिका की है, लेकिन इनके जिम्मेदार अधिकारी हर बार सीजन के समय बैठक तक आयोजित नहीं करते है साथ ही जब बैठक ही नहीं हुई तो दिशा निर्देश पालन कराने की हिदायत क्या देते होगे, नपा अपने कर्तव्य से इतिश्री कर लेते हैं। यही वजह है कि आज तक नियम विरुद्ध चल रहे मैरिज गार्डन संचालकों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है, जिसका खामियाजा आम जनता को परेशानी का सामना कर भुगतना पड़ रहा है। जब भी अधिकारियों से कार्रवाई के मामले में पूछा जाता है तो उनका एक ही जवाब होता है, हम सर्वे कराकर ऐसे मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस देगे, जो भी कमियां मिलेंगी उस हिसाब से आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। हर बार की तरह एक बार फिर सीधी शहर और जिले की जनता को मैरिज गार्डनों में आने वाले लोगों के वाहनों के जमाव से जाम जैसी समस्या से जूझना होगा, क्योंकि जहां शहर में एक ओर मैरिज गार्डन संचालक बगैर अनुमति के उसका संचालन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न तो संबंधित विभाग के अधिकारी करा पा रहे हैं और न ही मैरिज गार्डन के संचालक उक्त आदेशों को गंभीरता से ले रहे हैं।

ये है वर्तमान हालात:-
शहर समेत जिलेभर में एक सैकड़ा से अधिक मैरिज गार्डन, मांगलिक भवन/होटल हैं, जिनमें से कई ऐसे मैरिज गार्डन, मांगलिक भवन, होटल हैं उनमें न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गार्ड तैनात हैं। इसके बाद भी धड़ल्ले से शादी-समारोह आयोजित हो रहे हैं। शादियों का सीजन शुरू होने के समय मुख्य मार्गों मे जाम की स्थिति निर्मित हो जाती हैं।शहर का कलेक्ट्रेट मार्ग अस्पताल चौक मार्ग स्थित कई नामी-गिरामी होटलों, मैरिज गार्डनों पर पार्किंग की सुविधा न के बराबर है, जिससे रोड पर वाहन खड़े होकर यातायात बाधित करते हुए देखे जा सकते हैं। यहां शादी-समारोह के समय घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग होते हुए देखा जा सकता है। अधिकांश बारातों और चल समारोह में हथियार लेकर लोग चलते हुए देखे जा सकते हैं। मुख्य मार्गों में कान फोडू डीजे रात के दस बजे के बाद बजते हुए देखे जा सकते हैं, जिससे मुख्य क्षेत्र में रहने वाले न्यायिक अधिकारियों तक को भी परेशानी होती है। यह मामला जिला और पुलिस प्रशासन के समक्ष कई बार आ चुका है। कई मैरिज गार्डन बगैर अनुमति के चल रहे हैं, इसके साथ ही होटलों को देखा जाए तो अधिकतर होटलों की अनुमति आवासीय की है, लेकिन वहां धड़ल्ले से होटल के रूप में संचालित हो रहे हैं। बारात के निकलने के समय जाम की तो यह स्थिति होती है कि कुछ समय विधायक व एंबुलेंस तक जाम में फंस गए थे, जिनको बमुश्किल निकाला गया था।

गलती किसी की परेशानी झेलता है कोई और:-
सड़क के किनारे व रिहायशी इलाके में कई ऐसे मैरिज गार्डन हैं, जहां पार्किंग के लिए जगह होने के बाद भी संचालक उस जगह को पार्किंग के लिए न छोड़ते हुए कार्यक्रम स्थल में शामिल कर लेते हैं। ऐसे में मेहमानों को अपने वाहन गार्डन के बाहर ही पार्क करने पड़ते हैं। जब यातायात बाधित होता है तो पुलिस को ही जाम खुलवाने में मशक्कत करनी पड़ती है। इन जाम में आमजन ही नहीं प्रदेश सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधि व वरिष्ठ अफसर तक फंसते रहे हैं।

रिहायशी इलाके में सबसे ज्यादा परेशानी:-
कुछ व्यवसायियों ने अपना फायदा देखते हुए मैरिज गार्डन अपने घर के आसपास खाली पड़ी जगह में ही विकसित कर लिए हैं। इनमें कई कॉलोनी ऐसी हैं, जहां संचालित मैरिज गार्डन संचालक के पास शादी या अन्य कार्यक्रमों के बाद निकलने वाला वेस्ट मटेरियल फेंकने के समुचित इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में यहां काम करने वाले कर्मचारी सड़े-गले खाद्य पदार्थों को खुले में फेंक देते हैं। इससे आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इन क्षेत्रों में बनती है जाम की स्थिति:-
शहर के विभिन्न चौराहा सहित बायपास रोड क्षेत्र में एक दो छोटे व बड़े मैरिज गार्डन संचालित हैं। इनमें अधिकांश पर वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह न होने के कारण शादी में आने वाले मेहमान अपने वाहन फुटपाथ पर ही पार्क करते हैं, जिससे पूरे समय यातायात बाधित रहता है।

सख्ती से हो आदेश का पालन:-

एक न्यायिक अधिकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का आदेश शादी-ब्याह, समारोह आदि का मैरिज गार्डन, होटल, मांगलिक भवन को लेकर है, उस आदेश का पालन तो जिला व पुलिस प्रशासन को कड़ाई से कराना चाहिए। जिससे यातायात बाधित न हो और जनता को कोई परेशानी न हो। डीजे रात्रि 10 बजे के बाद बंद हो जाना चाहिए, ऐसा नहीं करने वालों पर संबंधित पुलिस थाने के उस बीट में नियुक्त पुलिसकर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। डीजे को राजसात करने तक का प्रावधान है। बारात हो या चल समारोह में कोई भी हथियार लेकर नहीं चल सकता है। उसके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

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