#A78 बीजेपी की विकास यात्रा और कांग्रेस का हाथ जोड़ो अभियान,सोन नदी जोगदहा पुल आवागमन व्यवस्था पर उठ रहें सवाल…

#A78 बीजेपी की विकास यात्रा और कांग्रेस का हाथ जोड़ो अभियान,सोन नदी जोगदहा पुल आवागमन व्यवस्था पर उठ रहें सवाल…
पोल खोल पोस्ट
राजबहोर केवट
सीधी सिहावल। जैसा कि आप विगत दिनों से देख रहे हैं कि सिहावल से बहरी जाने के लिए फोर व्हीलर वाहनों एवं बड़े वाहन को सीधी रूट होकर जाना पड़ता हैं। और आज भी वही स्थिति बनी हुई है सोन नदी जोगदहा पुल आवागमन प्रतिबंध होने के बाद सारी व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त हो चुकी हैं। और अब लगन का सीजन चल रहा है। जिस व्यक्ति को सिंगरौली से सिहावल या फ़िर सिहावल सिंगरौली बारात लेकर जाना है तो किस तरह की समस्याओं से उसे गुजरते हुए 60 से 70 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करने के बाद ही जाना पड़ेगा। परंतु सत्ता पक्ष एवं विपक्ष अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में पड़े हुए हैं। सामने 2023 का चुनाव है जिसे लेकर दोनों दलों में आपसी तकरार के बीच में क्षेत्र की जनता पिस रही है। यहा पर एक पुरानी कहावत याद आती है। जिसे आपने भी सुना होगा।
अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता
यह कहावत पूर्व में बुजुर्गों के द्वारा कही गई थी जो आज राजनीतिक दलों की आपसी तकरार के बजह से कहावत हकीकत होती नजर आ रही है। और जनता के द्वारा चुने जनप्रतिनिधि चाहे वह सांसद हो या विधायक या फिर अन्य जनप्रतिनिधि जैसे आज किस तरह से आवागमन बाधित है लेकिन इन सबके आख पर बोट बैलेंस की काली पट्टी बंधी हुई है। और एक तरफ सत्ता पक्ष के द्वारा विकास यात्रा हर ग्राम पंचायत स्तर तक निकाली जा रही है क्या रास्ता अवरुद्ध होना विकास के दायरे से बाहर है। यह समझ से परे है। दूसरी तरफ विपक्ष भी किसी से कम नहीं हाथ जोड़ो अभियान के तहत अपने वोट बैलेंस के चक्कर में मदमस्त हैं नेता।
बड़ी उम्मीद के साथ जनता द्वारा राजनीतिक दलो को कुर्सियों में बैठाकर ताजपोशी की और बड़े-बड़े नेताओं को चुना लेकिन विकास की गति ज्यों की त्यों पड़ी हुई है। जिस तरह से हॉस्पिटल में यदि व्यक्ति वेंटीलेटर पर पहुंच गया तो उसके वापस आने की उम्मीद नहीं होती उसी तरीके से सीधी जिले का सिहावल विधानसभा की भी स्थिति बेल्टी लेटर के सहारे चल रही है।
20 वर्ष पहले से स्पायर की इस स्थिति में थी सोन नदी पुल
जैसा कि आपको पता है कि सोन नदी जोगदहा पुल आज लगभग 20 वर्ष पहले से इसकी अवधि समाप्त हो चुकी थी। सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह यह खड़ा होता है कि क्षेत्र के राजनीतिक दल 20 वर्ष से कहां लापता थे। क्या उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद क्षेत्र की जनता को समस्या का सामना करना पड़ेगा।
सबसे ज्यादा सिंहावल विधानसभा में कांग्रेश का रहा शासन सत्ता
45 वर्ष से सीधी जिले के सिहावल विधानसभा में कांग्रेस का रहा शासन सत्ता फिर भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। 5 वर्ष के लिए 2008 में हुआ था परिवर्तन जहां भाजपा से विधायक विश्वमित्र पाठक को जनता ने चुना था। सिहावल विधानसभा में एक बार विश्वामित्र पाठक ने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 35 वर्षीय शासन सत्ता पर सेंधमारी कर अपना परचम लहराया था। परंतु 20 वर्ष से पुल की अवधि समाप्त होने के बावजूद किसी भी दल के सफेदपोश वालो के द्वारा नहीं दिया गया ध्यान जिसका खामियाजा आज क्षेत्र की जनता को उठाना पड़ रहा है। क्या होगा 2023 में क्या फिर से होगी सेंधमारी या यथावत रहेगी कांग्रेश की जीत देखना दिलचस्प होगा।