SINGRAULI : डिग्री कॉलेज में अव्यवस्थाओं को लेकर छात्र बैठे धरने पर, प्राचार्य पर साधा निशाना,लगाया मनमानी का आरोप

पोल खोल सिंगरौली
हड़ताल के तीसरे दिन तालाबंदी के बाद हरकत में आये प्राचार्य, छात्र संगठन ने व्यवस्था सुधारने एक सप्ताह का दिया समय
जिला मुख्यालय स्थित शासकीय अग्रणी महाविद्यालय में फैले अव्यवस्थाओं को लेकर अब कॉलेज के छात्रों को ही धरने पर बैठना पड़ रहा है। धरने पर बैठे छात्र युवा संघर्ष समिति के छात्रों ने बताया कि प्राचार्य की मनमानी के कारण अव्यवस्थाओं के मकडज़ाल में महाविद्यालय उलझा हुआ है।
महाविद्यालय में छात्रों के बैठने, कैम्पस में झाडू लगाने, शौंचालय की साफ-सफाई, कक्षाओं का नियमित संचालन न होना सहित कई मांगों को लेकर कॉलेज के प्राचार्य को एक सप्ताह का समय देते हुए सभी मांगों का त्वरित निदान कराये जाने की मांग की है।
दरअसल जिले के एक मात्र अग्रणी महाविद्यालय में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर पिछले तीन दिनों से छात्र युवा संघर्ष समिति के छात्र अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे रहे। हालांकि छात्रों ने बताया कि दो दिन सामान्य रूप से हड़ताल होने पर महाविद्यालय प्रबंधन अपने अडिय़ल रवैये पर अड़े रहे।
लेकिन आज जैसे ही हम लोगों ने कॉलेज के मुख्य गेट में ताला बंद कर अपनी मांगों को लेकर उग्र हुए तो कॉलेज प्रबंधन तत्काल हरकत में आते हुए हम लोगों से मिलने एवं ज्ञापन लेने के लिए आये। जहां हमने कॉलेज की समस्याओं से उन्हें अवगत कराते हुए तत्काल सभी समस्याओं का निदान किये जाने की बात कही गई है। जहां कॉलेज के प्राचार्य ने पांच दिवस के अंदर सभी मांगों पर त्वरित कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया है।
छात्रों की यह थीं मांगें
धरने पर बैठे मांगें थी कि महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम या दस्तावेज में कोई भी त्रुटि होती है तो छात्र या उनके परिजनों को विश्वविद्यालय रीवा खुद जाकर सुधार करवाना पड़ता है। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन विश्व विद्यालय के लिए प्रतिनिधि नियुक्त करे। छात्र-छात्राओं के बैठने हेतु पर्याप्त टेबल बेंच एवं कक्षाओं की व्यवस्था, कैम्पस में नियमित रूप से झाडू लगाने, कचड़ा उठाने, शौंचालय साफ-सफाई कराने, टेबल, बेंचों की साफ-सफाई एवं कक्षाओं व कैम्पस में डस्टबीन लगाये जाने, महाविद्यालय के सामने प्रतिक्षालय में साफ-सफाई करा छात्रों के बैठने के लिए ताला खोलवाये जाने, महाविद्यालय में संचालित सभी समूह की कक्षाएं नियमित रूप से संचालित कराने, प्रतिदिन राष्ट्रगान हो इसकी व्यवस्था कराने सहित कई अन्य मांगों को लेकर छात्रों ने ज्ञापन सौंपा है।
प्राचार्य पर मनमानी करने का आरोप
धरने पर बैठे छात्रों ने प्राचार्य पर मनमानी करने का आरोप भी लगाया है। छात्रों ने बताया कि आउटसोर्स में रखे हुए कर्मचारी को पेमेंट देने के लिए प्राचार्य के द्वारा महाविद्यालय के स्टाफ सहित छात्रों से इसका पैसा वसूला जाता है। जबकि आउटसोर्स कंपनी को जनभागीदारी के तहत महीने में कॉलेज में नियुक्त सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का पेमेंट कर दिया जाता है। लेकिन प्राचार्य और संविदा कंपनी की मिलीभगत से पदस्थ कर्मचारियों को संविदा कंपनी मात्र 2 सौ रूपये ही प्रतिदिन का भुगतान करती है। बाकी का पैसा प्राचार्य के द्वारा स्टाफ कर्मचारियों व छात्रों से इधर-उधर कर वसूली की जाती है।