शिवालयों में आज गूंजेंगे हर-हर महादेव के जयकारे

महाशिवरात्रि का पर्व आज, महामृत्युंजय जप,रूद्राभिषेक, भजन, अखण्ड कीर्तन शुरू
पोल खोल सिंगरौली
हर-हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ के उद्घोष से आज शिवालय गुंजायमान हो जायेंगे। कल 18 फरवरी शनिवार को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जायेगा। जहां आज शुक्रवार से ही श्रद्धालु महामृत्युंजय जप, रूद्राभिषेक एवं 24 घण्टे का अखण्ड कीर्तन, भजन कराने में जुटे हुए हैं। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिवालयों को सजाया धजाया गया है।
गौरतलब हो कि शनिवार को फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और आज महाशिवरात्रि है। साथ ही आज भगवान शिव को प्रसन्न करने व संकट निवारण हेतु शिवरात्रि का पावन व्रत है। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर बैढऩ शिवधाम मंदिर, पचौर, कोतवाली बैढऩ परिसर, नगर निगम, विन्ध्यनगर थाना के समीप, मोरवा थाना के साथ-साथ समूचे क्षेत्र के शिवालयों को सजाया धजाया गया है। जहां अखण्ड कीर्तन शिवभक्तों द्वारा किया जा रहा है।
वहीं महामृत्युंजय जप, रूद्राभिषेक भी आरंभ है। शिवभक्त कल शनिवार को व्रत भी रहेंगे तत्पश्चात विधि-विधान के साथ बिल्व पत्र, धतुरा, मदार, कनैल सहित अन्य फूल चढ़ाकर पूजा-पाठ करेंगे। तत्पश्चात शिवालयों में हवन के साथ-साथ भण्डारे का भी आयोजन किया गया है। इस अवसर पर शिव भक्तों में भारी उत्साह का माहौल है।
महाशिवरात्रि पर त्रिग्रही योग
ज्योतिषविद् पं.डॉ.एन.पी मिश्र महाप्रबंधक शिवधाम मंदिर बैढऩ के अनुसार इस साल महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास रहने वाला है। इस बार महाशिवरात्रि पर त्रिग्रही योग का निर्माण होने जा रहा है। 17 जनवरी 2023 को न्याय देव शनि कुंभ राशि में विराजमान हुए थे। अब 13 फरवरी को ग्रहों के राजा सूर्य भी इस राशि में प्रवेश करने वाले हैं। 18 फरवरी को शनि और सूर्य के अलावा चंद्रमा भी कुंभ राशि में होगा। इसलिए कुंभ राशि में शनि, सूर्य और चंद्रमा मिलकर त्रिग्रही योग का निर्माण करेंगे। ज्योतिष में इसे बड़ा ही दुर्लभ संयोग माना जाता है।
ऐसे करें भगवान भोलेनाथ का पूजा पाठ
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है। सूर्य कुम्भ राशि में है। भगवान शिव जी की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। सिद्धिकुंजिका स्तोत्र व सप्त श्लोकी दुर्गा का 9 पाठ करें। आज हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। भगवान विष्णु जी की उपासना के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा भी करें। श्री सूक्त के पाठ करने का यह बहुत सुंदर अवसर है। मंदिर में माता दुर्गा जी का दर्शन करें। श्री रामचरितमानस का पाठ करें। गीता के पाठ का आज बहुत महत्व है। सूर्योदय में सूर्य को जल व लाल रोली, चावल व पुष्प से जल दें व शिवपूजा के लिए मंदिर में भगवान शिव को दुग्ध, गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक करें व उनको बेल पत्र अर्पित करें। आज कई तांत्रिक उपासना होती है।