छेडछाड के आरोपी को 03 वर्ष का कठोर कारावास व 2,000/- का अर्थदण्ड।

छेडछाड के आरोपी को 03 वर्ष का कठोर कारावास व 2,000/- का अर्थदण्ड।
माननीय विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की न्यायालय के द्वारा विचारण उपरांत थाना कमर्जी सीधी के अपराध क्रमांक 277/20, धारा 323, 354 भा.द्.सं. एवं 3(1)(w)(i), 3(2)(v) scst act म.प्र. शासन विरूद्ध नाथू भुजवा तनय रमेश भुजवा उम्र 18 वर्ष निवासी ग्राम सलैया थाना कमर्जी जिला सीधी दोषी पाते हुए धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000/-रू. अर्थदण्ड, धारा 323 भा.द.सं. के आरोप में 03 माह का कारावास, धारा 3(2)(v-a) scst act में 03 वर्ष का सश्रम करावास व 1,000/-रू. अर्थदण्ड एवं धारा 3(1)(w)(i) scst act में 06 माह का सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया गया।
बताया गया कि दिनांक 03.11.2020 को सायं 04:00 बजे अभियोक्त्री उम्र 14 वर्ष निवासी ग्राम- सलैया थाना कमर्जी स्कूल से घर जा रही थी, तभी उसके दादी के खेत के पास उसके गांव का नाथू भुजवा मिला और बोला ऐ चमारिन यहां आ, तो मैं नही गई फिर वह पीछे पीछे आया और गलत काम करने की नीयत से उसका हांथ पकड कर खीचा, जब अभियोक्त्री् चिल्लाई तो उसने अभियोक्त्री के मुह में रूमाल डाल दिया और बोला चिल्ला्ओगी तो छूरा (चाकू) मार दूंगा। फिर अभियोक्त्री अभियुक्त नाथू भुजवा को दांत से काट कर वहां से भाग गई। अभियोक्त्री ने घटना के बारे में अपनी मॉ को बताया तो उसकी मॉ ओरहन लेकर नाथू भुजवा के घर गई तो नाथू भुजवा उसकी मॉ के साथ मारपीट करने लगा। अभियोक्त्रीे अपनी मॉ के साथ थाना कमर्जी उपस्थित आकर घटना की रिपोर्ट दर्ज करायी। पुलिस द्वारा अप.क्र. 277/20 अंतर्गत धारा 323, 354 भा.द्.सं. एवं 3(1)(w)(i), 3(2)(v) scst act पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां न्यायालयीन विचारण के दौरान जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा एवं एडीपीओ प्रशान्त कुमार पाण्डेय के द्वारा शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप न्यायालयीन विशेष सत्र प्र. क्र. 131/20 में माननीय विशेष न्यायालय द्वारा अभियुक्त को धारा 7/8 पॉक्सो् एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000/-रू. अर्थदण्ड., धारा 323 भा.द.सं. के आरोप में 03 माह का कारावास, धारा 3(2)(v-a) scst act में 03 वर्ष का सश्रम करावास व 1,000/-रू. अर्थदण्ड एवं धारा 3(1)(w)(i) scst act में 06 माह का सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किया गया।