लड़ना अंतिम तक है रचनाकार : अमन द्विवेदी।

लड़ना अंतिम तक है रचनाकार : अमन द्विवेदी।
तेरी जिले के सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनबरसा निवासी अमन द्विवेदी की रचना
कई मुश्किलों से लड़ा
इस तूफान से क्या तुम्हारा भाव उजड़ा
पराजय की झलक से क्या कोई भय है
मत मुड़ो पीछे संघर्ष बिन न जय है
आएंगे ऐसे कई पड़ाव कुछ न समझ आएगा
फिर तुम्हारा लक्ष्य ही छूट जाएगा
धरो संयम, शांति और धैर्य जरा
भूलो मत यह है परिवर्तनशील धरा
बाण से जो निकला है परिश्रम का तीर
तो ह्रदय मे रखो मंजिल की तस्वीर
यूं क्या ग़फ़लत मे पड़ जाना है
भूलो नहीं तुम्हे अंतिम छोर तक जाना है
सुनो जरा निंदा से क्या होता है
इसमें पड़कर व्यक्ति केवल आत्मविश्वास ही खोता है
आत्मविश्वास से सदा बाधा के समक्ष रहो खड़ा
निंदा को बनाओ नहीं कमजोरी इससे सुदृढ़ होता संकल्प बड़ा
कर्म न करने से आखिर क्या होता है
लड़ता वही नहीं है वो खुद पर ही रोता है
मुश्किल से मिलता हमें सबक है
मुश्किल पार करने करने पर ही
लगता जय का तिलक है
संघर्ष का नहीं कोई विकल्प
इसमें नहीं कोई शक है
छोड़ना नहीं है आशा
तुम्हे लड़ना अंतिम तक है
यह….