सतना रैली में भीड़ दिखाने में गई गरीब मजदूरों की जान,जनाधार खो चुकी भाजपा कर रही है सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग – अजय सिंह।

सतना रैली में भीड़ दिखाने में गई गरीब मजदूरों की जान,जनाधार खो चुकी भाजपा कर रही है सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग – अजय सिंह।
सीधी 25 फरवरी, 2023
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने चुरहट क्षेत्र में मोहनिया टनल के पास हुई भीषण बस दुर्घटना दुःख व्यक्त करते हुए इसे ह्रदय विदारक बताया है| उन्होंने कहा कि इस हादसे में बहुत बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने और घायल होने का पीड़ादायक समाचार है। परमात्मा दिवंगत लोगों की आत्मा को शांति दे और घायलों को शीघ स्वास्थ्य लाभ हो। उन्होंने शासन से अपील है कि घायलों के लिये त्वरित उपचार और उचित सहायता पहुंचाई जाए।
सिंह ने कहा कि अपना जनाधार खो चुकी भाजपा और शिवराज सिंह अपनी जमीन बचाने के लिए सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और संसाधनों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि सतना में केंद्रीय गृह मंत्री के लिए भीड़ जुटाने के लिये सीधी सिंगरौली से एक हजार बसें सरकारी अधिकारियों ने अटैच करके उनमे भरकर लोगों को भेजा । उन्होंने कहा कि 90 बसें अकेले सीधी ब्लाक से गई थीं। इन बिना परमिट की बसों से हुई दुर्घटना पर बीमा कंपनी दुर्घटना क्लेम देने आपत्ति कर सकती है। बसों में सवार कई शासकीय कर्मचारी भी घायल हैं। उन्हें किस आदेश के तहत सतना भेजा गया था?
उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होना चाहिए कि चोभरा,बाघड़ के लोग जिस बस में सवार थे उस बस को छुहिया घाटी की ओर से सतना ना भेज कर मोहनिया रीवा की ओर से क्यों भेजा गया। इसके साथ ही चुरहट विधानसभा क्षेत्र से सतना रैली में जाने वाली बसों को मोहनिया सड़क में खड़ी कर भोजन के पैकेट दिये गये। भोजन के पैकेट देने के लिए सभी बसों को मोहनिया बुलाया गया। जिस गांव से बस में लोग सवार हुये थे। वहीं पर भोजन की व्यवस्था क्यों नहीं कराई गई? सतना में 2 बजे से कार्यक्रम था किन्तु सीधी पड़खुरी के लोगों की बस को सीधी से 1 बजे दोपहर रवाना किया गया। बस में सवार लोग कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सतना पहुंचे और वहीं बस लौटते समय मोहनिया में दुर्घटना ग्रस्त हो गई। जो बसे सतना गई थी उसमें किस गांव से कौन लोग सवार थे इसकी सूची बस व जिला प्रशासन के पास नहीं थी। जिसके कारण मृतकों और घायलों की समय में पहचान नहीं हो पाई।
अजयसिंह ने कहा कि सभी कानून कायदों को ताक में रखकर भीड़ दिखाने के लिये बसों को भरकर लाया गया। मोहनिया में हुई बस दुर्घटना में इन गरीब मजदूरों और आदिवासियों को अपनी जानमाल गवां कर इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।