Indore : इंदौर में महाराष्ट्र के डिप्टी CM फडणवीस बोले- वीर सावरकर किसी पुरस्कार के मोहताज नहीं

मध्य प्रदेश के इंदौर में शनिवार को बृहन्महाराष्ट्र मंडल के 70वें अधिवेशन की शुरुआत हुई। सम्मेलन में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए। इस दौरान फडणवीस के सामने अलग-अलग प्रांतों से आए मराठी भाषियों ने नारे लगाए कि ‘वीर सावरकर को भारत रत्न मिलना चाहिए’।
इसके बाद फडणवीस ने अपने भाषण में कहा कि वीर सावरकर को भारत रत्न मिले न मिले, वे वैसे ही देश के रत्न हैं। वे किसी पुरस्कार के मोहताज नहीं हैं। फिर भी महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। ताकि वह भारत रत्न रहे हमारे सावरकर को अधिकारिक भारत रत्न दे।
‘मराठी भाषियों ने जरूरत पड़ने पर निभाई अपनी भूमिका
फडणवीस ने कहा कि मराठी भाषियों ने देश में अलग पहचान कायम की है। जब भी देश को जरूरत पड़ी, तब उन्होंने अपनी भूमिका निभाई है। मुगलों के आक्रमण के बाद जिस तरह का हाहाकार देश में मचा था, तब छत्रपति शिवाजी ने हिंद स्वराज की स्थापना की। अहिल्याबाई ने पुराने मंदिरों को पुनर्जीवित कर संस्कृति को बचाने का काम किया। मराठी युवा भी हर क्षेत्र में नाम करा रहे हैं। महाराष्ट्र पूरे देश की औद्योगिक राजधानी है।
‘इंदौर खाऊ संस्कृति की राजधानी
फडणवीस ने कहा कि वे 25 साल पहले पहली बार इंदौर आए थे। उसके बाद आना-जाना लगा रहा। मैं फूडी हूं और इंदौर खाऊ संस्कृति की राजधानी है। इस बार थोड़ी देर के लिए आया हूं, लेकिन मन नहीं माना। मैंने गोलू शुक्ला को सराफा भेजा, ताकि वहां से वह मेरे लिए कुछ खाने का ला सके।
‘टेढ़े लोगों को सीधा करना भी समाज की जिम्मेदारी
सम्मेलन के पहले सत्र में पूर्व सरसंघचालक भैय्याजी जोशी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि संस्कृति, भाषा और संस्कार को संभालने की जिम्मेदारी के साथ समाज की जिम्मेदारी कुरीतियों को रोकने की भी है। समाज में कुछ टेढ़े लोग भी होते हैं, जो समाज का भला नहीं चाहते। उन्हें भी रोकना चाहिए।
भैय्याजी ने कहा कि महाराष्ट्र को लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर और गोपाल कृष्ण गोखले जैसे महापुरुषों ने पहचान दी है। शिवाजी ने देश विरोधी ताकतों को पैरों के नीचे रखा। महाराष्ट्र सामाजिक परिवर्तन वाला प्रदेश है। महाराष्ट्र की संत परंपरा की इसमें बड़ी भूमिका रही है।
सम्मेलन में अलग-अलग प्रदेशों से आए लोगों ने भी अपनी बातें रखी। सम्मेलन में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी मौजूद थे।
सावरकर को भारत रत्न दिए जाने के लगे नारे
हॉल में जब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पहुंचे तो लोगों ने नारे लगाए कि वीर सावरकर को भारत रत्न मिलना चाहिए। मंडल के अध्यक्ष मिलिंद महाजन ने कहा कि हम वीर सावरकर के बारे में अनर्गल बातें नहीं सुन सकते। वे भारत रत्न के हकदार हैं। सम्मेलन में समाज जनों का सम्मान भी किया गया।