SINGRAULI : भू अर्जन और मुआवजा वितरण को लेकर एनसीएल को घेरने की बनी रणनीति

पोल खोल सिंगरौली
गौरतलब है कि कोयला आपूर्ति को पूरा करने के लिए एनसीएल जयंत एवं दूधिचुआ खदानों के विस्तार करने पर लगी है। ग्राम मढौली के बाद अब मोरवा शहर का भू अर्जन करना अनिवार्य हो गया है। सूत्रों की माने तो बहुत जल्द धारा 9 प्रभावशील कर दी जाएगी। एनसीएल ने जिला प्रशासन की मदद से बरगवां थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भलगढ़ एवं दादर गांव को विस्थापन के लिए चिन्हित किया है।
इसी के बाद से ही मोरवा के प्रबुद्ध लोग सक्रिय होकर एकजुटता दिखाने में लग गए हैं। इसी संदर्भ में रविवार देर शाम मोरवा स्थित अग्रवाल धर्मशाला में सिंगरौली विस्थापन मंच के बैनर तले एक बैठक आयोजित की गई, जहां क्षेत्र के गणमान्य नागरिक समेत कुछ जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। बैठक का उद्देश्य लोगों तक सही जानकारी पहुंचाकर आगामी विस्थापन के लिए लोगों को एकजुट करना था।
यहां सभी ने अपनी अपनी राय रखकर आगामी दिनों के लिए कोर कमेटी गठित करने पर जोर दिया। बैठक में यह बात सामने आई कि कुछ लोगों को एनसीएल ने गलत जानकारी देकर गुमराह किया है। इस अधिग्रहण में विस्थापितों को मुआवजा के साथ सेटलमेंट (रिहैबिलिटेशन) देने का कोई प्रावधान नहीं बताया गया।
मौजूदा एनसीएल की टीम एवं उसके अधिकारी नकारात्मक सोच के साथ काम कर रहें है। लोगों को यह भी मानना था कि प्रबंधन विस्थापन के विषय में सही जानकारी नहीं प्रदान कर रहा। साथ ही कईयों ने शहर के तर्ज पर भू अर्जन का लाभ लेने एवं एक जगह बसाहट के बाद ही विस्थापन होने पर जोर दिया।
बैठक के प्रमुख मुद्दों में सभी ने एक सुर से भालूगढ़ के विस्थापन स्थल को नकार दिया। सभी का मानना था कि विस्थापन वही हो जहां एनसीएल कि ऑफिस जाए इसके साथ ही गंभीर ब्लास्टिंग से लोग बहुत परेशान होते हैं।
खदानों में आए दिन 10 से 12 ब्लास्टिंग हो रही है। इसकी वजह से हर परिवार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है, इसे तत्काल रोका जाए नहीं तो सभी मिलकर इसके विरूद्ध आंदोलन करेंगे। इसके अलावा प्रबुद्ध जनों ने बताया कि एनसीएल ने आज पिछले 6- 7 साल से मोरवा व्यापारियों को बंधक बनाकर रखा है, ना तो उनके रजिस्ट्री हो पा रहे हैं और ना ही वह अपने जमीन पे लोन इत्यादि लेकर अपने बिजनेस को चला पा रहे हैं। इनकी कार्रवाई बहुत ही अपारदर्शी है।
इनको अपने कार्रवाई में तेजी लानी चाहिए। इस चर्चा में प्रमुख रूप से संजय प्रताप सिंह, दधिलाल सिंह, नरेंद्र चंद सिंह, राजेश सिंह, सतीश उत्पल, मनोज कुलश्रेष्ठ, भूपेंद्र गर्ग, मनीष अग्रवाल, प्रिंस चंदेल, ललित श्रीवास्तव, आलोक यादव, चंदन सिंह दाढ़ी लाल सिंह, विनोद गोयल, जितेंद्र त्रिपाठी, मन्नू खान समेत समाज के प्रबुद्ध जन एवम गणमान्य नागरिक मौजूद थे।