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SINGRAULI : राष्ट्रीय राजमार्ग सीधी-सिंगरौली 39 का हाल बेहाल

राष्ट्रीय राजमार्ग सीधी-सिंगरौली 39 का हाल, एमपीआरडीसी ने जनवरी महीने तक में सजहर मार्ग को चालू कराने का दिया था आश्वासन

पोल खोल सिंगरौली

जिले के निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग सीधी-सिंगरौली 39 फोरलेन का कार्य 2023 के अंदर पूर्ण हो पायेगा कि नहीं कार्य की प्रगति को देख हर कोई सवाल उठा रहा है। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने तीन महीने पूर्व एक लक्ष्य निर्धारित किया था और सजहर जंगल मार्ग को चालू कराने जनवरी महीने तक की डेडलाइन तय किया था। लेकिन उनका यह डेडलाइन हवा हवाई साबित हो रहा है।

गौरतलब हो कि सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य 2012 से आरंभ है। जिसको लेकर लगातार विपक्ष एवं आम जनता केन्द्र एवं भाजपा सरकार को कोसने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आलम यह है कि सजहर जंगल का मार्ग छ: महीने से अवरूद्ध है। इस मार्ग से बड़े वाहनों के आवाजाही पर रोक लगी हुई है। करीब 3 महीने पूर्व एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में चरणबद्ध तरीके से सड़क के कार्य को पूर्ण कराने का डेडलाइन तय किया गया था।

 

लेकिन एमपीआरडीसी के अधिकारियों की डेडलाइन कागजों में ही तय ेकर रह गयी। आरोप है कि 6 जनवरी को आयोजित बैठक में स्पष्ट निर्णय लिया गया था कि 15 जनवरी से सजहर घाटी फोरलेन मार्ग का कार्य करीब-करीब पूर्ण करा दिया जायेगा और बड़े वाहनों की आवाजाही आरंभ हो जायेगी। मार्च महीने के आखिरी सप्ताह में टू लेन का पूर्ण हो जायेगा। संविदाकार को समयसीमा में कार्य पूर्ण कराने के लिए लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य को न तो संविदाकार ने चुनौती माना और न ही एमपीआरडीसी के नुमाइंदों ने गंभीरता से लिया।

लिहाजा सजहर घाटी के निर्माण कार्य की प्रगति को देख हर कोई सरकार की लचर एवं लुंज-पुंज, सुस्त कार्य को लेकर अधिकांश व्यक्ति सरकार को कोस रहे हैं। आलम यह है कि सजहर जंगल के घाटी से यदि कार, बाइक सवार गुजरते हैं तो इस मार्ग से सामने से आने वाले वाहनों के सामने धूल के गुब्बारों के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं देता।

कुछ मिनट के लिए वाहन चालकों को अपनी जान बचाने के नियत से रोकना पड़ता है और जब धूल के गुब्बारे शांत हो जाते हैं तब आने जाने के लिए सोचना पड़ता है। यह समस्या कुछ महीनों से है। यदि सड़क में पानी का छिड़काव कर दिये जाते हैं तो वाहनों के फिसलने का खतरा बना रहता है। फिलहाल इस सड़क का कार्य कब पूर्ण होगा इस पर एमपीआरडीसी का जिम्मेदार अमला चुप्पी साध लिये हैं।

 

मार्च महीने तक सड़क का कार्य पूर्ण करने का था टारगेट

पिछले वर्ष 30 नवम्बर को कलेक्टोरेट सभागार में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राज्य मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी ने वर्चुअल के माध्यम से सड़क निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए आश्वस्त किया था कि सीधी-सिंगरौली एनएच-39 का निर्माण कार्य 31 मार्च तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

साथ ही गोपद पुल की दो लेन भी पूर्ण हो जायेगा। समीक्षा बैठक में सांसद के साथ-साथ कलेक्टर, एमपीआरडीसी के मुख्य अभियंता व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। आलम यह है कि मार्च महीने की बात दूर अभी सड़क को बनने में कई महीनों का वक्त लग सकता है। विपक्षी दलों के नेताओं का आरोप है कि सड़क निर्माण कार्य में व्यापक गड़बड़झाला हुआ है। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने संविदाकार पर कृपा बरसा रहे हैं।

कछुए की गति से चल रहा एनएच-39 का कार्य

सीधी-सिंगरौली एनएच-39 फोरलेन का निर्माण कार्य मंथरगति से चल रहा है। विपक्षी कांग्रेस पार्टी के युकां जिलाध्यक्ष सूर्य कुमार द्विवेदी सूर्या का आरोप है कि प्रदेश एवं केन्द्र सरकार के लापरवाही का खामियाजा सीधी-सिंगरौली की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

करीब 11 साल बाद भी करीब 75 किमी सड़क का कार्य पूर्ण नहीं करा पायी। जबकि प्रदेश में 18 एवं केन्द्र में 8 वर्षों से भाजपा सरकार है। इसके बावजूद जिले के प्रमुख मार्ग का निर्माण कार्य कछुए की गति से चल रहा है। सड़क कार्य पूर्ण कराने के लिए तारीख पर तारीख तय की जा रही है। जिले के दुर्भाग्य है कि 75 किमी सड़क का कार्य पूर्ण कराने के लिए विपक्षी दलों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है।

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