प्रशासन के पास नहीं है घायलों की वास्तवित जानकारी अभी तक घायलों को नहीं मिली आर्थिक सहायता जिला प्रशासन की उदासीनता से परेशान हैं परिजन।

प्रशासन के पास नहीं है घायलों की वास्तवित जानकारी
अभी तक घायलों को नहीं मिली आर्थिक सहायता
जिला प्रशासन की उदासीनता से परेशान हैं परिजन।
सीधी
मोहनिया बस दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की संख्या को लेकर अभी भी असमंजस बरकरार है। जिला प्रशासन वास्तविक घायलों की जानकारी अभी तक नहीं जुटा पाया है। घायलों में सबसे ज्यादा मजदूर परिवार के मुखिया थे। जो कि प्रतिदिन मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। मुखिया के घायल होने के कारण उनके परिजनों के पास भरण-पोषण की दिक्कतें आने लगी हैं। जिला प्रशासन अभी तक घायलों को आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं करा पाया है। जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण घायल परिवारों को काफी फजीहत उठानी पड़ रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घायलों को दो-दो लाख एवं आंशिक घायलों को 50-50 हजार, प्रधानमंत्री के द्वारा घायलों को 50-50 हजार देने की घोषणा की गई है। जिला प्रशासन अभी तक वास्तविक घायलों की जानकारी एकत्र नहीं कर पाया है। जिसके कारण प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के द्वारा घोषित सहायता राशि वितरण में दिक्कतें जा रही हैं। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन को त्वरित राहत घायलों को प्रदान की जानी चाहिए थी।
किंतु जिला प्रशासन घायलों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखा पा रहा है। जिसके कारण घायल व्यक्ति अपने परिवार को भोजन तक उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोहनिया बस दुर्घटना में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। जिसमें से 50 घायल व्यक्ति चुरहट से रीवा रेफर किए गए थे। जिनमें से 9 व्यक्ति साधारण रूप से घायल हुए थे। तीन गंभीर घायलों को दिल्ली रेफर कर दिया गया था। 35 घायलों का अभी भी संजय गांधी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इसी तरह चुरहट से सीधी के लिए 24 फरवरी को दरम्यानी रात 23 व्यक्तियों को रेफर किया गया था। 26 फरवरी को 26 मरीज पुन: जिला हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। जिला हॉस्पिटल से उपचार उपरांत सभी मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया और जिला प्रशासन ने बसों से घायलों को घर भिजवा दिया गया। जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के अंतर्गत ग्राम पंचायत चोभरा दिग्विजय सिंह के 52 व्यक्ति बस में सवार होकर सतना गए थे। जिनमें से 8 की बस दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। 44 व्यक्ति घायल हो गए थे। जिसमें से 8 ऐसे घायल व्यक्ति जिनका नाम रीवा एवं सीधी हॉस्पिटल में दर्ज नहीं हो पाया था जिसमें भगवानदीन कोल, रामाश्रय कोल, निर्मला कोल, कुमारी रुची कोल, छोटा कोल, सुजीत कोल, सौखी कोल, पवन त्रिपाठी रोजगार सहायक जो कि चुरहट हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार करानें के बाद अपने मृतक परिजनों के साथ गांव भेज दिए गए थे। इस कारण उक्त आठ व्यक्तियों के नाम रीवा और सीधी मरीजों के रेफर सूची में नाम दर्ज नहीं हो सका। जिन दो बसों में सवार यात्रियों की मौत हुई थी उनमें से जो ग्राम पंचायत चोभरा दिग्विजय सिंह की बस थी उसमें करीब 52 लोग सवार थे।
दूसरी बास जो कि ग्राम पडख़ुरी से गई थी उसमें 60 से ज्यादा व्यक्ति सवार थे। इन्हीं दो बसों में सवार व्यक्ति अधिकांश रूप से घायल हुए थे। अभी तक जिला प्रशासन घायलों की वास्तवित सूची मीडिया को उपलब्ध नहीं करा पाया है। जिसके कारण असमंजस की स्थिति बरकरार है।
26 तारीख को घायलों के भर्ती की स्थित
जिला अस्पताल में 26 फरवरी की स्थिति में बस हादसे के भर्ती घायलों में अजय रावत पिता सुखलाल रावत 18 वर्ष, सिरवतिया पाल पति रामनाथ पाल 60 वर्ष, कविता रावत पति महेश रावत 35 वर्ष सभी निवासी पडख़ुरी नंबर 1, रामनाथ कोल पिता अंग्रेज कोल 45 वर्ष गांधीग्राम, रामदास जायसवाल पिता विश्वेस्वर जायसवाल 47 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, पार्वती कोल पति श्यामलाल कोल 40 वर्ष पडख़ुरी, छोटी पति रामप्रसाद 58 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, सुखलाल पिता निचकवा कोल 60 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, अंगद पिता कन्हई 25 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, राजकुमारी जायसवाल पति सौखीलाल जायसवाल 60 वर्ष पडख़ुरी नंबर2, राजभान रावत पिता बंशबहार रावत 50 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, मार्थी कोल पति बंसरूप कोल 75 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, साखू कोल पिता हुब्बलाल कोल 75 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, रामप्रसाद पिता हुब्बलाल 53 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, अजय कोल पिता हीरामणि कोल 31 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, राजकुमारी रावत पति राजेन्द्र रावत 40 वर्ष गांधीग्राम, अरुण कोल पति पप्पू कोल 32 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, मुन्नी कोल पति छोटेलाल कोल 50 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, ओमप्रकाश रावत पिता राजकरण रावत 24 वर्ष बगैहा, राममिलन रावत पिता रामपति 32 वर्ष बगैहा, रामकली कोल पति रामलाल कोल 40 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, सुनैना पिता रमेश डेढ़ माह पडख़ुरी नंबर 1, मधू कोल पति रमेश कोल 37 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1 वहीं 25 फरवरी को सुनीता कोल पति बांकेलाल कोल 59 वर्ष बगैहा, रामशरण कोल पिता मंगलप कोल 48 वर्ष पडखुरी नंबर 1 एवं अर्जुन प्रसाद रावत पिता भैयालाल रावत 55 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1, केशकली रावत पति चौथीलाल 77 वर्ष बगैहा, कन्हैया कोल पिता रामदास कोल 62 वर्ष पडख़ुरी नंबर 1 को भर्ती कराया गया था।
चोभरा दिग्विजय सिंह के घायलों की स्थिति
ग्राम पंचायत चोभरा दिग्विजय सिंह के घायलों में सावित्री कोल पति श्यामलाल कोल, नन्हुआ कोल पति छोटेलाल, प्रेमलाल कोल पति बंटा कोल, रामरती कोल पति मनसुख कोल, प्रमिला कोल पति चूड़ामडि कोल, श्यामवती कोल पति रामलाल कोल, बुटान कोल पति शिवचरण कोल, जग्यनारायण मुडहा पिता महावीर मुडहा, बिट्टी कोल पति चरका कोल, चरका कोल पिता पुसू कोल, रामकुमार कोल पिता मोलई कोल, बुटान कोल पति भगवानदीन कोल, सुमन कोल पिता संदीप कोल, तुलसी कोल पिता बुद्धा कोल, राजकली कोल पति तुलसी कोल, ललई कोल पिता कुहरू कोल, कुहरू कोल पिता शुद्धा कोल, बिहारी कोल पिता शुद्धा कोल, सौखी कोल पिता कुहरू कोल, सावित्री कोल पति सौखी कोल, सुजीत कोल पिता सौखी कोल, पवन तिवारी जीआरएस पिता सुरेशमणि तिवारी, सीमा कोल पति कोमलचंद कोल, कोमलचंद कोल पिता सुखलाल कोल, अनिल कोल पिता रामपाल कोल, रामखेलावन कोल पिता विशाले कोल, निर्मला कोल पति नरेश कोल, सुशीला कोल पति रोहिणी कोल, रोहिणी कोल पिता रामखेलावन कोल, पंचवती कहार पति श्यामलाल कहार, रामपाल कोल पिता छोटे कोल, गीता कोल पति दीपू कोल, शिवम कोल पिता रामलाल कोल, शरद कहार पिता श्यामलाल कहार, लक्ष्मी कोल पिता संदीप कोल, विमला कोल पति लल्लू कोल, परदेशी कोल पिता सुखलाल कोल, रामबली गोंड पिता संभू गोंड, निर्मला कोल पति बाला प्रसाद कोल आदि 44 घायल शामिल हैं।