प्रदेश की भाजपा सरकार जनजाति बालिका शिक्षा के प्रति लापरवाह, उदासीन : कमलेश्वर पटेल।

प्रदेश की भाजपा सरकार जनजाति बालिका शिक्षा के प्रति लापरवाह, उदासीन : कमलेश्वर पटेल।
बालिका शिक्षा के प्रति सरकार गंभीर नहीं।
सीधी: विधायक एवं पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने बताया कि बालिका शिक्षा के प्रति सरकार पूरी तरह लापरवाह व उदासीन है।
विधायक श्री पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश विधानसभा में एक अतारांकित प्रश्न के माध्यम से सरकार से जानना चाहा कि सीधी जिला आदिवासी बाहुल्य है, यहां गरीब एवं जरूरतमंद बच्चे अध्ययनरत हैं। इस संबंध में जानकारी लेने पर प्रदेश की जनजाति कार्य मंत्री ने बताया कि आदिवासी विभाग द्वारा सीधी जिले में जनजाति कार्य विभाग द्वारा सीधी जिले में सीनियर छात्रावास कुल 23 संचालित हैं इसमें कुसमी विकासखंड में 9 मझौली विकासखंड में 4 रामपुर नैकिन में 1 ,सीधी विकासखंड में 7 सिहावल विकासखंड में 2 संचालित हैं।
इसी प्रकार जूनियर छात्रावास जिले में 29 संचालित हैं इसमें कुसमी विकासखंड में 7 मझौली विकासखंड में 4 रामपुर नैकिन में 4 सीधी विकासखंड में 10 सिहावल विकासखंड में संचालित है।
आदिम जाति कार्य मंत्री ने आगे बताया की आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जिले में 9 आश्रम शाला संचालित है।
आदिम जाति कल्याण विभाग ने बताया कि कुसमी विकासखंड में दो कस्तूरबा गांधी छात्रावास संचालित है।
वर्ष 2006-07 में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की शुरुआत की गई इसका मुख्य उद्देश्य विषम परिस्थितियों में जीवन-यापन करने वाली वंचित वर्ग की बालिकाओं के लिए आवासीय छात्रावास के माध्यम से गुणवत्तायुक्त प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराना है। माता-पिता,अभिभावकों को उत्प्रेरित करना जिससे बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास में भेजा जा सके। मुख्य रूप से ऐसी बालिकाओं पर ध्यान देना जो छात्रावास से बाहर (अनामांकित, अभावग्रस्त) हैं तथा जिनकी उम्र 10 वर्ष से ऊपर है। विशेषकर एक स्थान से दूसरे स्थान घूमनेवाली जाति या समुदायों की बालिकाओं पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना।
75 प्रतिशत अनुसूचित जाति,जनजाति,अत्यन्त पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं तथा २५ प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार की बच्चियों को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास में प्राथमिकता प्राथमिकता के आधार पर भर्ती करना।
विधायक श्री पटेल ने बताया की सरकार बालिका शिक्षा को लेकर कितना गंभीर है इसकी एक बानगी यह भी है की वर्तमान वित्तीय वर्ष में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास टनसार एवं कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास खरबर में राशि अप्राप्त है।
विधायक श्री पटेल ने बताया कि सरकार बालिका शिक्षा उसमें भी विशेष रुप से अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग की बल बालिकाओं को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कितनी लापरवाह एवं उदासीन है वित्तीय वर्ष का अंतिम माह चल रहा है ऐसे में किस प्रकार कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास जैसी महत्वकांक्षी योजना संचालित होती रही होंगी या चिंता का विषय है।