मध्यप्रदेश

हो रही पुराने भवनों की जियो टैगिंग,पीएम आवास में चल रहा फर्जीवाड़ा।

हो रही पुराने भवनों की जियो टैगिंग,पीएम आवास में चल रहा फर्जीवाड़ा।

पोल खोल सीधी:-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अति महत्वाकांक्षी योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण जिले के रामपुर नैकिन नगर परिषद का प्रकाश में आया है यहां आवास योजना के नाम पर उन लोगों को भी लाभान्वित किया जा रहा है जिनका पक्का माकान पहले से निर्मित है उन्हे भी योजना के प्रभारी द्वारा फर्जी तरीके से जियो टैगिंग कराकर राशि आहरित कराई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद रामपुर नैकिन में कार्यरत लेखापाल मनोज गुप्ता खुद अपने बहू पूजा अग्रहरि पति बजरंग अग्रहरि के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लिया है जबकि पूर्व से ही पक्का माकान बना हुआ है उसी का फर्जी तरीके से जियो टैगिंग कराकर प्रधानमंत्री आवास का लाभ लिया गया है, इतना ही नही उनका बेटा बजरंग गुप्ता नगर परिषद रामपुर नैकिन में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है। साथ ही नगर परिषद के राजकली साहू पति मंगल साहू,रामाश्रय साहू पिता सहदेव साहू,सावित्री साहू पति राजेन्द्र साहू निवासी वार्ड 05 का पहले से अधूरा आवास बना हुआ था चूँकि ये सभी नगर परिषद रामपुर नैकिन के अध्यक्ष रामकुमार साहू के खास है इसके लिए अध्यक्ष द्वारा नगर परिषद के कर्मचारियों के ऊपर दवाब बनाकर फर्जी जिओ टैगिंग कराकर प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिलाया जा रहा है।

वहीं वॉर्ड 12 में संतोष माली का 5 कमरे का पक्का मकान पहले से बना हुआ है वॉर्ड 09 में रामाश्रय सोनी का पहले से 6 कमरे का मकान बना हुआ है वॉर्ड 04 में महेंद्र यादव का पक्का मकान बना हुआ है इसी तरह नगर के वार्ड 12 निवासी सुदामा द्विवेदी का पक्का मकान बना हुआ है जिन्हे फर्जी तरीके से आवास योजना का लाभ दिया गया है।

नही होती शिकायत के बाद भी जांच:नीलेश
शिकायतकर्ता नीलेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर फर्जी तरीके से आवास स्वीकृत कर राशि आहरित करने के मामले की शिकायत मेरे द्वारा नगर परिषद के सीएमओ से लिखित तौर पर की गई थी लेकिन शिकायत के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नही हुई है। श्री चतुर्वेदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिनका मकान पहले से बना हुआ है उनका फर्जी तरीके से जियो टैगिंग कराकर आनन-फानन में भुगतान करा दिया जा रहा है वहीं जो वास्तव में इस योजना के पात्र है उन्हे इसका लाभ नही मिल पा रहा है।

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