मध्यप्रदेश

गली-मोहल्लों मे शराब का अवैध कारोबार,बड़ी जब्ती से हाथ खीच लेते है अफसर।

गली-मोहल्लों मे शराब का अवैध कारोबार,बड़ी जब्ती से हाथ खीच लेते है अफसर।

पुलिस की लिमिट तय,आबकारी के ठिठके कदम

 सीधी:- शराब के अवैध कारोबार पर गली मोहल्लों में पसरा है। सब जानते हैं कि लाइसेंसी ठेकेदार ही पैकार पालकर कानूनी अड़चने पैदा करते हैं। बावजूद इसके साठगांठ से व्यापार चल रहा है। एक ओर पुलिस ने शराब जब्ती के लिए अपनी लिमिट तय कर रखी है तो दूसरी ओर आबकारी विभाग मुंहदेखी कार्रवाई कर कागजी कोरम पूरा कर लेता है। पुलिस हर हफ्ते शराब के अवैध कारोबार पर दबिश डालती है। जिसमें केस उतनी ही हद तक बनाया जाता है,जितने में काम चल जाए। जबकि हर दूसरे दिन पकड़े जाने वाले पैकारों का नेक्सस काफी बड़ा है।

मात्रा 50 लीटर से कम:-
शराब का अवैध परिवहन, बिक्री करने वालों को पकड़ने के बाद अधिकांश कार्रवाई में उनके कब्जे से 50 लीटर से कम शराब जब्त करना बताया जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि चुनिंदा लोग ही शराब बेच रहे हैं और इनके ठेकेदार भी गिने-चुने हैं। कार्रवाई का कोरम पूरा करने के लिए हर हफ्ते एक व्यक्ति की जरूरत हर थाने को होती है। ऐसे में एक साथ जब्त की गई शराब को कई हिस्सों में बांटकर प्रकरणों की संख्या बढ़ा ली जाती है।

आरोपी को फायदा:-
इस अपराध के आरोपी पर अफसर दया भावना दिखाते नजर आते हैं। जानकार बताते हैं कि अगर एक बार में ही आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) के तहत केस दर्ज कर दिया जाए तो आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे हालात में पांच, दस रुपए के लिए शराब बेचने वालों का साथ वह ठेकेदार भी छोड़ देते हैं, जो इन्हीं आरोपियों के दम पर लाखों कमा रहे हैं। ऐसे में आबकारी अधिनियम की धारा 34(ए) के तहत केस दर्ज कर आरोपी को थाने से ही जमानत दे दी जाती है और वह घर लौटकर फिर से अपनी पेटी खोल लेता है।

होली के पहले बड़ा स्टॉक:-
सूत्रों का कहना है कि दुकान से सस्ती शराब गली-मोहल्लों में बिक रही है। होली के समय बड़ी मात्रा में शराब का कारोबार होगा, इसके लिए पहले से कई जगहों पर स्टॉक किया जा रहा है। इसलिए लाइसेंसी अधिक शराब बेचने के लिए अवैध करोबार करने वालों को सस्ती कीमत पर शराब मुहैया करा रहे हैं। यहां बता दें कि जितने आरोपी पकड़े गए उनके मेमोरेंडम पर उन्हें शराब उपलब्ध कराने वाले नहीं पकड़े जाते।

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