बड़ी खबर लोन किस्त जमा नहीं हुई तो दुधमुहे बच्चे के साथ मां को उठा लाये निजी बैंककर्मी जानिए पूरा मामला।

बड़ी खबर लोन किस्त जमा नहीं हुई तो दुधमुहे बच्चे के साथ मां को उठा लाये निजी बैंककर्मी जानिए पूरा मामला।
-देर शाम तक कार्यालय के सामने सडक़ पर बच्चे को लेकर विलखती रही मां
-कॉलोनी की महिलाओं के हस्तक्षेप पर पहुंची पुलिस, महिला को दिलाई राहत
-महिला बैंककर्मी न होने के बावजूद दिन ढलने के बाद महिला हितग्राही को घर से जबरन लाने पर उठ रहे सवाल
-भारत फांइनेंस कंपनी के नुमाइंदों के मनमानी की जांच में जुटी पुलिस
पोल खोल सीधी:-
जिले में शनिवार की दोपहर एक हैरत अंगेज कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है जहां एक चिटफंड कम्पनी के कर्मचारियों ने व्याज की राशि न चुकाने पर मां बच्चे को घर से उठा लाये। जहां जिला मुख्यालय के बार्ड-10 विवेकानंद वार्ड में संचालित कार्यालय में लेकर पहुंचे। अकेली महिला दुधमुहे बच्चे के साथ कार्यालय परिसर में चीख-चीख कर रोने चिल्लाने लगी जिसकी आवाज सुनकर मुहल्लेवासियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भारत फाईनेंसियल इनक्लूजन लिमिटेड के कर्मचारियों से पूंछतांछ की तो यह बात निकल कर सामने आई कि उक्त कम्पनी के द्वारा 24 प्रतिशत वार्षिक व्याज पर लोगों को कर्ज देती थी कर्ज की राशि न अदा करने पर कर्मचारियों द्वारा यह कदम उठाया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची मीडिया की टीम के सामने पीडि़त महिला खुश्बू कोल पति ललऊ कोल निवासी डेवाडाड़ मझौली रोड ने रोते विलखते हुए बताया कि उसके द्वारा लोन लिया गया था जिसमें 1 हजार 50 रूपये शेष राशि जमा करने के लिए रह गई थी जिसके चलते चिटफंड कम्पनी के कर्मचारी घर पहुंचे और मुझे मोटर सायकल में जबरजस्ती बैठाकर यहां लाये है। जब इस संबंध में कम्पनी के कर्मचारियों से जानकारी चाही गई तो उनके द्वारा गोलमोल जबाव देकर बचने का प्रयास किया जा रहा था।
पुलिस ने शुरू की जांच:-
इस पूरे मामले की सूचना मिलने पर कोतवाली थाना प्रभारी योगेश मिश्रा भारत फाईनेंसियल इनक्लूजन लिमिटेड के कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों को जप्त कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां संचालित भारत फाईनेंसियल इनक्लूजन लिमिटेड के ब्रांच मैनेजर रामसेवक कुशवाहा सहित अन्य स्टाफ को कोतवाली तलब किया गया है। लेकिन खबर लिखे जाने तक की गई कार्रवाई की जानकारी सामने नही आ सकी है।
नाम के तो क्या हैं समूह:-
भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा महिला शसक्तीकरण के नाम पर दर्जनों योजनाएं संचालित की है उसके अलावा महिला स्व सहायता समूह का गठन भी गांव-गांव किया गया है। जहां सरकार द्वारा समय-समय पर समूहों को बिना ब्याज पर राशि उपलब्ध कराये जाने की बात कही जाती है,बावजूद इसके चिटफंड कम्पनियों के जाल में आकर गरीब व कमजोर तबके की महिलांएं शिकार हो रही है। बता दें कि भारत फाईनेंसियल इनक्लूजन लिमिटेड कम्पनी जिले में पूरी तरह से अपना जाल विछा चुकी है, इस कम्पनी के कर्मचारियों के द्वारा सिर्फ महिलाओं को ही टारगेट किया जा रहा है।
करता रहा प्रशासन टाल-मटोल:-
जानकारी मिलने के बाद भी प्रशासन की नींद नही खुली इस पूरे मामले को लेकर मीडियाकर्मियों द्वारा जब कलेक्टर से दूरभाष पर जानकारी देने का प्रयास किया गया तो कलेक्टर ने एसडीएम से बात कराई जहां एसडीएम ने जांच के लिए नायब तहसीलदार को निर्देश देने की बात कही लेकिन 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक उक्त कम्पनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई है। जिससे यह साफ हो गया है कि ऐसे संवेदनशील मामलों की जानकारी मिलने के बाद भी जिले का प्रशासन जानबूझकर अनजान बना हुआ है।
इनका कहना है।
सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस बल भेजा गया था, पीडि़त महिला को घर भिजवा दिया गया है एवं भारत फाईनेंसियल इनक्लूजन लिमिटेड कम्पनी के कर्मचारियों को मय दस्तावेज बुलाया गया है, दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत आगे की कार्रवाई की जावेगी।
योगेश मिश्रा
थाना प्रभारी कोतवाली सीधी।