मध्यप्रदेश

मारपीट एवं अवैध शराब के विक्रय के मामले में न्यायालय ने सुनाई सजा।

मारपीट एवं अवैध शराब के विक्रय के मामले में न्यायालय ने सुनाई सजा।

सीधी: बताया गया कि फरियादी/आहत संतलाल कुशवाहा ने थाना मझौली पर उपस्थित होकर सूचना दी कि वह ग्राम चुवाही छिन्दहा टोला का रहने वाला है खेती किसानी का काम करता है। दिनांक 22.09.2016 को सुबह 06 बजे वह अपने घर के पास झाडू लगा रहा था तभी उसके परिवार का अभियुक्त  मनबोध कुशवाहा पिता रामटहल कुशवाहा उम्र-52 वर्ष, निवासी- चुवाही थाना मझौली जिला सीधी म.प्र. उसके पास आया बोला कि तुम उसके खेत का चारा क्यों काटे हो तो वह बोला कि उसने नहीं काटा है उसकी औरत तीन-चार दिन पहले काटी थी। इसी बात पर से उसे गाली देने लगा मना करने पर डंडे से उसके सिर पर मारा जिससे खून बहने लगा और वह जमीन पर गिर गया फिर हाथ मुक्का से मारपीट करने लगा हल्ला गोहार पर उसकी पत्नी पार्वती कुशवाहा बीच बचाव को आई तो उसे भी एक डंडा दाहिने हाथ की नाड़ी में मारा इतने में हल्ला गोहार पर पवन द्विवेदी, गोविन्द्र द्विवेदी आये और बीच बचाव किये तब वह गाली देते बोला कि आइंदा मिला व दुबारा चारा काटा तो जान से खत्म कर देने की धमकी देते अपने घर तरफ चला गया। मारपीट से उसके सिर में खून आलूदा चोट, दाहिने हाथ के गदेली के उपर सूजनदार चोट, बाएं हाथ की नाड़ी में सूजनदार चोट लगी एवं पार्वती के दाहिने हाथ में सूजनदार चोट लगी है। फरियादी की सूचना के आधार पर थाना मझौली के अपराध क्रमांक 0466/2016 धारा 294, 323, 506 भाग-2 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय मझौली में प्रस्तुत किया, जहां न्यायालयीन विचारण के दौरान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामराज सिंह के द्वारा शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप न्यायालयीन प्र. क्र. 94/16 में माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मझौली द्वारा अभियुक्त मनबोध कुशवाहा को धारा 323 भा.द.वि. के अपराध के लिए न्यायालय उठने तक का कारावास एवं आहत की चोटों को देखते हुये आरोपी को जुर्माने से दण्डित न किया जाकर प्रतिकर की राशि 1000/- रूपये (एक हजार रूपये) अन्तर्गत धारा 357(3) द.प्र.सं. से दण्डित किया गया। प्रतिकर की राशि क्षतिपूर्ति स्वरूप फरियादी/आहत संतलाल कुशवाहा को अपील अवधि पश्चात प्रदान किये जाने का आदेश पारित किया गया।

अवैध शराब के विक्रय के मामले में न्यायालय ने सुनाई सजा

बताया गया कि दिनांक 31.01.023 को दौरान कस्बा गस्त पोंड़ी मे मुखबीर की सूचना मिली कि ग्राम पोंड़ी की गीता विश्वकर्मा पति अंजनी कुमार विश्वकर्मा अपने गोमती के पीछे अवैध रूप से देशी प्लेन मदिरा बिक्री करने हेतु रखी है । मुखबिर की इस सूचना पर मय हमराही आर. 350 उमेश द्विवेदी तथा गवाह रामलाल बैगा पिता स्व. फगुना बैगा उम्र 53 वर्ष एवं अंकित सिंह पिता बृजभान सिंह उम्र 28 वर्ष सा. पटेहटा चौकी पोंड़ी को साथ लेकर मुखबिर के बताये स्थान पर पहुंचकर घेराबंदी कर रेड कार्यवाही किया तो आरोपिया गीता विश्वकर्मा पति अंजनी विश्वकर्मा उम्र 50 वर्ष सा. पोड़ी की अपने गोमती के पीछे एक झोला मे 23 पांव देशी प्लेन मदिरा शीलबंद कीमती 2070 रुपये की रखे पाई गई । जिससे शराब रखने तथा बेचने का वैध कागजात मागा गया जो नही होना बताई जो आरोपिया का यह कृत्य धारा 34(1) आबकारी एक्ट का दण्डनीय पाये जाने से संपूर्ण पुलिस कार्यवाही पूर्ण कर चालान माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां न्यायालयीन विचारण के दौरान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामराज सिंह के द्वारा शासन की ओर से पैरवी करते हुए आरोपिया को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मझौली द्वारा आरोपिया को धारा 34(1)क,ख,/34(1)च म.प्र. आबकारी अधिनियम में न्यायलय उठने तक की सजा एवं क्रमशः- .1500/- रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं अर्थदण्ड की राशि अदा न करने की दशा में अभियुक्त को प्रत्येक अपराध के लिए एक-एक माह का साधारण कारावास पृथक से भुगताये जाने का निर्णय पारित किया गया।

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