मध्यप्रदेश

सरकारी कार्यालयों में हावी रिश्वतखोरी।

सरकारी कार्यालयों में हावी रिश्वतखोरी, लोकायुक्त,ईओडब्ल्यू की कार्रवाई से सामने आ रही हकीकत
अफसर से लेकर कर्मचारी तक बगैर रिश्वत नहीं कर रहे काम, हो रहे बेनकाब

पोल खोल सीधी:-
शासकीय कार्यालयों में बिना सुविधा शुल्क के काम नहीं हो रहा है। इससे दूर दराज से आने वाले आवेदकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रह है। उनका काम बिना सुविधा शुल्क के नहीं हो पाता है। हालांकि समय-समय पर कार्रवाई होती है पर कुछ समय बाद स्थिति फिर जस की तस हो जाती है। काम कराने के एवज में लोगों को रिश्वत देनी पड़ रही है। हालांकि कई जागरूक रिश्वतखोरों को बेनकाब कर रहे हैं तो कई चुपचाप सुविधा शुल्क देकर अपना काम करा लेते हैं। जिले में रिश्वतखोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। तीन माह पूर्व ही लोकायुक्त ने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को ५० हजार रुपए लेते रंगहाथ दबोचा था। लोकायुक्त की कार्रवाई से भ्रष्टाचार भी उजागर हो रहा है। शासन की तमाम बंदिशों के बाद भी रिश्वत लेन-देन का मामला नहीं थम रहा है।

इन पर हो चुकी है कार्रवाई
केस-एक
कार्यपालन यंत्री के दफ्तर व आवास पर लोकायुक्त का छापा,आय से अधिक संपत्ति का मामला :-
महान नहर परियोजना कार्यालय सीधी में लोकायुक्त भोपाल की टीम द्वारा छापा की कार्रवाई कर महत्वपूर्ण रिकार्डों को अपने कब्जे में लिया था। महान नहर के कार्यपालन यंत्री सुनील व्यास के आवास पर भी टीम ने पहुंचकर रिकॉर्ड खंगाले। सूत्रों के अनुसार जप्त किए गए रिकार्डों से करोड़ों की काली कमाई की कलई खुलने का अनुमान लगा था।

केस-दो:-
७ फरवरी २०२३ को परियोजना कार्यालय कुसमी में पदस्थ लिपिक एसके त्रिपाठी को २५ हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। लिपिक रनिया देवी से सहायिक की नौकरी दिलाने के एवज में २५ हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी।

केस-तीन
१४ सितंबर २०२२ को जमीन नामांतरण के एवज में पटवारी गोरखनाथ विश्वकर्मा ने किसान धीरेंद्र ङ्क्षसह निवासी दुअरा से पांच हजार रुपए रिश्वत मांग की थी। रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था।

केस-चार
ईओडब्ल्यू रीवा की टीम ने डॉक्टर प्रशांत तिवारी बीएमओ रामपुर नैकिन को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। फरियादी राजेश यादव पिता रमेश यादव के भाई सुरेश यादव की 18 अगस्त 2022 को पानी में डूबकर मृत्यु हो गई थी। शासन द्वारा पानी से डूबने पर मृत्यु होने पर परिजनों को चार लाख राहत राशि दिए जाने का प्रावधान है, जिसकी पीएम रिपोर्ट देने के एवज में रिश्वत ली जा रही थी।

रिश्वतखोरों को मिल रही सजाएं-
रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद लोकायुक्त पुलिस द्वारा न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जाता है। विचारण उपरांत न्यायालय द्वारा सजा दी जा रही है। जिले में अभी तक एक भी प्रकरण ऐसा नहीं आया है, जिसमें आरोपी अधिकारी व कर्मचारी दोषमुक्त हुए हों।

[URIS id=12776]

Related Articles

Back to top button