Singrauli : एक महीने बाद भी कार्रवाई का पता नहीं, जांच प्रतिवेदन तिजोरी में बंद

पीएमएवाई के घोटालेबाज जीआरएस पर दया दृष्टि दिखाने लगी जिला पंचायत की जांच टीम!
पोल खोल सिंगरौली
जिला पंचायत की जांच टीम ने रोजगार सहायक पर मेहरबानी दिखाना शुरू कर दिया है। 12 फरवरी के पूर्व तक जिला पंचायत के अधिकारी पीएम आवास योजना में घोटाला करने वाले जीआरएस पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दे रहे थे। अब अचानक जिला पंचायत के जांच टीम में शामिल अधिकारियों के सुर बदल गये हैं। पीएम आवास घोटाला करने वाले जीआरएस से राशि जमा कराने की कसरत करने में लगे हुए हैं।
गौरतलब हो कि चितरंगी जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत बीछी में वर्ष 2016 से लेकर 2020-21 के दरमियान तत्कालीन रोजगार सहायक कृष्णपाल सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा करते हुए अपात्र व्यक्तियों एवं अपने परिजनों जिसमें मॉ एवं बहन के खाते में स्वीकृत आवासों के राशि का भुगतान पोर्टल पर खाता बदलकर डकार लिया था।
जिसका भण्डाफोड़ नवभारत ने किया था और इसकी शिकायत भी की गयी थी। कड़ी मशक्कत के बाद तत्कालीन जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ अनुराग मोदी ने मामले को किसी तरह संज्ञान में लिया और इसके लिए जांच टीम भी बनाया। जहां तत्कालीन रोजगार सहायक कृष्णपाल सिंह के विरूद्ध जांच टीम गठित किया। साथ ही जिला पंचायत से नोटिस भी जारी कर तीन दिवस के अंदर जबाव भी मांगा गया था। इतना ही नहीं 12 फरवरी को जिला स्तरीय जांच टीम के सामने जनपद पंचायत चितरंगी में तत्कालीन रोजगार सहायक के अलावा तीन सचिव, तीन रोजगार सहायक एवं पूर्व सरपंच को भी दस्तावेजों के साथ तलब होने के निर्देश दिये गये थे। सूत्र बता रहे हैं कि 12 फरवरी को चितरंगी जनपद में जांच टीम के सामने तलब हुआ और जबाव भी दिया।
किन्तु हैरानी की बात है कि एक महीने बाद भी घोटालेबाज जीआरएस पर जिला पंचायत की जांच टीम ने कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया है। सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि जिला स्तरीय जांच टीम रोजगार सहायक पर दयादृष्टि दिखाते हुए पीएम आवास घोटाले की राशि को जमा कराने में जुटा हुआ है। ताकि रोजगार सहायक को बचाया जा सके। चर्चाएं यहां तक हैं कि रोजगार सहायक को बचाने के लिए जहां राजनैतिक दखल की बू आ रही है। वहीं धनवर्षा की भी खूब चर्चाएं हो रही हैं। असली मामला क्या है यह अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी। लेकिन पीएम आवास योजना के घोटाले में जिला पंचायत में दो अलग-अलग कानून दिखाई दे रहे हैं। जनपद पंचायत देवसर का खंधौली पंचायत उदाहरण है। जहां जिम्मेदार अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए संविदाकर्मी रोजगार सहायक को आवास घोटाले का मुख्य आरोपी बना दिया। जबकि इतने बड़े घोटाले में अकेले जीआरएस की भूमिका नहीं हो सकती।
घोटाले की राशि जमा कराने में जुटा अमला
गौरतलब हो कि पीएम आवास योजना में वर्ष 2016 से लेकर 2020-21 के दरमियान ग्राम पंचायत के तत्कालीन रोजगार सहायक कृष्णपाल सिंह पर आरोप है कि उसने 9 पीएम आवास को अपात्रों के नाम पोर्टल में गड़बड़झाला कराकर भुगतान करा दिया। जिसमें रोजगार सहायक की मॉ एवं बहन का नाम शामिल है। सूत्रों के मुताबिक रोजगार सहायक से गड़बड़झाले की राशि को जमा कराने के लिए खुद जांच टीम सक्रिय है। जीआरएस के विरूद्ध एफआईआर कराने एवं बर्खास्तगी की कार्रवाई करने से जांच टीम भागती नजर आ रही है।
इनका कहना है
मेरे संज्ञान में मामला पहले नहीं था। जानकारी मिल रही है। रोजगार सहायक के खिलाफ यदि पीएम आवास घोटाला करने के आरोप हैं तो उसे बक्सा नहीं जायेगा। चूंकि मुझे ज्वाइन किये कुछ दिन ही हुए हैं।
हरिश्चन्द्र द्विवेदी
सीईओ, जनपद पंचायत चितरंगी
इनका कहना है
वैसे मैं कुछ बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूॅ। जहां तक मेरे जानकारी में है कि रोजगार सहायक से पीएम आवास योजना की राशि जमा करायी जा रही है। एक आवास का पैसा जमा कर दिया है, आगे मुझे जानकारी नहीं है।
राजेश तिवारी
प्रभारी पीएम आवास,जिपं सिंगरौली