जीवन की कठिनाइयों के बारे मे काव्य लिखना सबसे अधिक सुखद : कवि अमन द्विवेदी।

जीवन की कठिनाइयों के बारे मे काव्य लिखना सबसे अधिक सुखद : कवि अमन द्विवेदी।
जीवन की कठिनाइयों के बारे मे लिखना तथा उनका कैसे डटकर सामना किया जाए इस बारे मे लिखना एक कवि के लिए सबसे अधिक भावनात्मक एवं आनंद युक्त समय होता है। इसी वक्तव्य व सोच के साथ कवि अमन द्विवेदी ने नवीन काव्य रचना की है👇 :
मै पथ का राही हूँ
हूँ मै मानुष सामान्य
नहीं मनुष्य शाही हूँ
नहीं चाहता मै कोई तबाही
पर जग कल्याण मे किसी
बात की नहीं करता मनाही हूँ
मै चलता हूँ रस्ते पर
थकने पर रूक जाता हूँ
सपने आते है फिर जरा
सोच उन्हें आगे बढ़ जाता हूँ
रिश्ते कुछ बने शायद कठिन
साथ न मिलने पर भी उन्हें निभाता हूँ
जग पूछ रहा हास्य कर सके
नहीं स्वप्न उसे अपने बताता हूँ
खुद को देखना चाहता हूँ
खुद को चाहता बदलना भी
इसलिए खुद को ही दर्पण दिखलाता हूँ
जीवन का समर्पण कब काम आएगा
या यह व्यर्थ ही चला जाएगा
मन हॅस उठता फिर भी
बाधा से मस्तिष्क पार ले जाएगा
मुसीबत का यह आँगन है
घर विडम्बना का कुछ तो यह मन है
आत्मविश्वास जो बना रहा
अंतिम तक जो ठना रहा
हार कर बैठने जाना जिसको मन को मना रहा
उसी के समीप इस जग मे
सफलता का वृक्ष घना रहा।