लोक सुराज अभियान के तहत दिव्यांग स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन,कई दिव्यांग दिखे उदास।

लोक सुराज अभियान के तहत दिव्यांग स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन,कई दिव्यांग दिखे उदास।
अमित श्रीवास्तव
सीधी जिले के कुसमी जनपद पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुसमी मे सुबह 11बजे से लोक सुराज अभियान के तहत दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया था,कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह थे वही कुसमी क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य हीराबाई सिंह, ग्राम पंचायत के सरपंच चेतना सिंह सहित कुसमी के खंड अधिकारी उपस्थित थे।
जहां मेडिकल बोर्ड के द्वारा आंख, कान, हाथ, पैर, टीवी(क्षय रोगी)की जांच की गई तथा जिले के मेडिकल बोर्ड द्वारा 48लोगो का परीक्षण किया गया जिसमे 19लोग 100% विकलांग पात्र पाये गये है वकी लोगो का कम प्रतिशत होने के कारण उनका प्रमाण पत्र नही बन पाया है।ऐसी जानकारी स्वास्थ विभाग के सूत्रो से मिली है। लोक सुराज के इस शिविर में कुसमी जनपद सदस्य जमुनी देवी सुधीर शुक्ला सुरेश सिंह रामदयाल साहू श्री सुमन मिश्रा राजकुमार तिवारी अतिबल सिंह रामेश्वर सिंह इंद्र प्रकाश गुप्ता हर प्रसाद साहू रमेश पनाडिया कमलेश गुप्ता गुरुनानक गुप्ता मनमोहन उपाध्याय राय सिंह महावीर सिंह गुलाब सिंह के के सिंह लक्ष्मी व आशीष सिंह सत्यनारायण सिंह सभी उपस्थित थे वहीं खण्ड प्रशासन से कुसमी एसडीयम आर के सिन्हा तहसीलदार रोहित सिंह परिहार मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसएन द्विवेदी अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी कुंवर बहादुर सिंह आजाद बीआरसीसी अंगिरा द्विवेदी सहित कुसमी के सभी चिकित्सक शिविर में मौजूद थे।
विकलांगों ने लगाए आरोप
सीधी जिले के कुसमी जनपद पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लोक सुराज अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया जरूर गया था लेकिन शिविर में पहुंचे अधिकांश विकलांगों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि शिविर में उनको लाभ नहीं मिला है जबकि वह पात्र हैं उन्होंने यह भी बताया कि कई ऐसे लोग जो उनके गांव के है और वह सीधी में जाकर कुछ चढोत्तरी चढ़ा देइये तो विकलांगता प्रमाण पत्र बन गया है शिविर मे पहुचे हितग्राही ललन साहू, रामलाल साहू, दीपा पिता रणबहादुर साहू, आरती बंशल पिता पटवारी बंशल, कबिता साकेत,पिता बुद्ध सेन साकेत उन्होंने कहा कि वह सीधी पैसों के अभाव के कारण नहीं जा पाते आज शिविर में इस उद्देश्य से पहुंचे हुए थे कि कुसमी मे उनको लाभ मिल जायेगा वह जितने प्रतिशत वह विकलांग है उनको उतने ही प्रतिशत विकलांगता प्रमाण पत्र बना देना था लेकिन शिविर में उनको लाभ नहीं मिला और वह उदास होकर अपने घर चले गए। साथी लोगों ने यह भी बताया कि शिविर समय से पहले ही समाप्त कर दी गई जिससे कई लोग छुट भी गए है