मध्यप्रदेश

खुद हादसों का शिकार हो रहे मवेशी।

खुद हादसों का शिकार हो रहे मवेशी।

सीधी। जिले में हजारों की तादाद में आवारा विचर रहे गौवंश कभी सड़क हादसों का सबब बन रहे हैं तो कभी खुद हादसों का शिकार होकर मौत के मुंह में समा रहे हैं। गर्मी के दिनों में पशु पालकों की उपेक्षा के चलते यह समस्या और भी विकराल हो जाती है। प्रशासन पशुओं के प्रबंधन की दिशा में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय के व्यस्त मुख्य मार्गों में बीच सड़क पर बैठे व धमाचौकड़ी करते पशु हर रोज हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं। एक-एक चौराहे में मवेशियों के बड़े-बड़े झुंड दिखाई देते हैं। इतना ही नही हाइवे पर गौवंश बड़ी संख्या में विचर रहे हैं। वाहनों की चपेट में आने से इनकी मृत्यु भी हो रही है। स्थिति यह है कि हर किलोमीटर में एक मृत पशु दिखाई दे रहा है।

गौशालाओं की व्यवस्थाएं धरासाई:
जिले में दर्जन भर से ज्यादा गौशालाओं के आरंभ हो जाने के बाद भी शहरी व ग्रामीण अंचलों में आवारा मवेशियों की धमाचौकड़ी थमने का नाम नही ले रही है। प्रशासन व पंचायत विभाग की अनदेखी के चलते विभिन्न ग्राम पंचायतों में बनाई गयी गौशालाओं में गौवंशों को भोजन के भी लाले हैं। चारे का प्रबंध न होने से जहां वे कमजोर होते जा रहे हैं, वहीं कुछ गौवंशों की मौत की जानकारी भी मिली है। गौशालाओं का संचालन ग्राम पंचायतों व स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन हालात ऐसे हैं कि समय पर राशि न मिलने के कारण सारी व्यवस्थाएं धरासाई हो चुकी हैं। जिला मुख्यालय में भी बड़ी संख्या में गौवंश आवारा विचर रहे हैं। शहर के लगभग हर गली-चौराहे व मुख्य मार्गों में आवारा मवेशियों का डेरा जिससे यातायात बाधित होने के साथ आये दिन सड़क हादसे हो रहे हैं।

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