मोबाइल नंबर व जन्म तारीख को बनाते हैं पासवर्ड, इसीलिए हैक होती है आइडी,यूजर्स को यह सावधानी बरतने की जरूरत…

मोबाइल नंबर व जन्म तारीख को बनाते हैं पासवर्ड, इसीलिए हैक होती है आइडी,यूजर्स को यह सावधानी बरतने की जरूरत..
सीधी:- सायबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच सोशल मीडिया यूजर्स की अनदेखी भी सामने आई है। इसमें सावधानी नहीं रख पाने से वे ठगी का शिकार हो जाते हैं। साथ ही डार्क नेट, हैकर्स और ठग आसानी से ऐसे यूजर्स से ठगी का शिकार बना लेते हैं।दरअसल, बीते महीनेभर में कई पढ़े लिखे लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। कइयों की वाट्स-एप डीपी हैक कर रुपए ऐंठ लिए गए। तो कई सेक्सटॉर्शन का शिकार हुए। इनमें सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, नेता, शिक्षक सहित अन्य लोग शामिल हैं। ये बातों में उलझ जाते हैं और फिर शिकार हो जाते हैं। इसमें बड़ी अनदेखी इस बात की भी सामने आई है कि जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हम यूज करते हैं उनमें यूजर आईडी और पासवर्ड बनाने में लापरवाही बरत लेते हैं। कई बार यूजर्स अपने मोबाइल नंबर साइड पर सार्वजनिक कर देते हैं, साथ ही पासवर्ड खुद का मोबाइल नंबर या जन्म तारीख या खाता संख्या को बना लेते हैं। ऐसे आसान डिजिट होती है जिससे हैकर्स की सुविधा बढ़ जाती है। अनजान लिंक्स के माध्यम से आपके मोबाइल या अन्य डिवाइस पर कब्जा करने वाले हैकर्स पूरा सिस्टम रन करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में थोड़ा जटिल प्रकार का पासवर्ड होना जरूरी है।
सायबर सेल को भी ट्रेस करने में आती है दिक्कत:-
अमूमन ऐसे मामलों में सायबर सेल की टीम को संबंधित मोबाइल नंबर या नेटवर्क का पता लगाने में परेशानी आती है। सेक्सटॉर्शन के मामले में यूजर्स अलग-अलग नेटवर्क से कॉल करता है। साथ ही सिम कार्ड भी बदल लेता है। ऐसी स्थिति में सायबर टीम के लिए यह थोड़ा कठिन हो जाता है। फिर भी तकनीकी टीम इसमें ऐसे ठगों को ढूंढ़ निकालती है। कुछ केसेस में पुलिस को सफलता मिली भी है।
अपना आइडी-पासवर्ड जटिल (कठिन) हो।:-
:- हर 15 दिन से एक माह में पासवर्ड बदलें।
:- अनजान लिंक्स को क्लिक न करें।
:- अनजान एप्स को अलॉव करने से बचें।
:- ऐसी कोई परिस्थिति बन ही नहीं सकती कि न्यूड होकर वीडियो बनाना पड़े, इससे बचें।
:- फेसबुक, वाट्सऐप, इंस्टाग्राम, ट्वीटर) का सावधानी से उपयोग करें।
जागरूक रहे और लालच मे ना आएं:-
साइबर ठगी से बचने के लिए प्रत्येक इंसान का साइबर क्राइम के प्रति जागरूक होना बेहद आवश्यक है. जागरूक रहकर ही साइबर ठगों द्वारा बिछाए गए जाल में फंसने से खुद को रोका जा सकता है. वहीं, साइबर ठगी के जितने भी प्रकरण सामने आते हैं उनमें से अधिकांश ऐसे प्रकरण होते हैं जिसमें लालच में आकर पीड़ित अपनी मेहनत की कमाई पर से हाथ धो बैठता है. जिसे देखते हुए सीधी पुलिस लगातार आमजन से साइबर ठगों की ओर से दिए जा रहे लालच में ना आने और जागरूक रहकर खुद को ठगी का शिकार होने से बचाने की अपील कर रही है।