लकोड़ा में आयोजित हुआ अंगराग लोकरंग उत्सव एवं कवि सम्मेलन समारोह।

लकोड़ा में आयोजित हुआ अंगराग लोकरंग उत्सव एवं कवि सम्मेलन समारोह।
नरेंद्र सिंह सीधी के बघेली लोक संपदा के तीन खण्डो का हुआ विमोचन
अंगराग लोकरंग महोत्सव में मान्या पाण्डेय के गूंजे स्वर
हमारी सांस्कृतिक विरासत हमारा गौरव – राहुल भैया
नरेंद्र के बघेली लोक संपदा के संरक्षण का यह कार्य कई सौ करोड़ है – गिरिजा शंकर
अंगराग नाट्य एवं लोक साहित्य कला केंद्र लकोड़ा, उत्थान सामाजिक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति सीधी, वेद सेवा संघ न्यास के संयुक्त तत्वावधान में लकोड़ा ग्राम में कल दिनांक 28 अप्रैल 2023 को “अंगराग लोकरंग उत्सव एवं कवि सम्मेलन समारोह” का आयोजन हुआ | यह कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ | आयोजन के प्रथम सत्र में नरेंद्र सिंह सीधी द्वारा लिखित एवं संग्रहित बघेली बोली के लोकगीतों ‘बघेली लोक सम्पदा’ संग्रह के प्रथम खण्ड का विमोचन हुआ |
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में देश के वरिष्ठ पत्रकार एवं कला समीक्षक गिरिजा शंकर, कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ कहानीकार एवं लेखक चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी ‘चंद्र’ एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक जयराम शुक्ल, लोक कलाविद पद्मश्री बहुलाल दाहिया, वरिष्ठ पत्रकार नंदलाल सिंह, वरिष्ट साहित्यकार सुसंस्कृति सिंह परिहार, नंदिनी जी, रामनरेश तिवारी ‘निष्ठुर’ जगजीवन लाल तिवारी ‘ कक्का’ बघेली के प्रसिद्ध कवि शिवशंकर मिश्र ‘सरस’, प्रो. अनिल सिंह, मैथिली शरण शुक्ल, बाबूलाल कुंदेर, इंजी. आर. बी. सिंह, आनंद मंगल सिंह, अशोक तिवारी ‘अकेला’ आदि उपस्थित रहे। बताते चलें कि नरेंद्र सिंह सीधी द्वारा संग्रहित बघेली लोक कलारूपों गीतों, कथाओं, गाथाओं आदि की कुल 23 किताबें संतोष कुमार द्विवेदी के संपादन में आ रही हैं जिनके तीन खण्डो के विमोचन का कार्यक्रम लकोड़ा में रखा गया था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि गिरिजा शंकर जी ने अपनी बात रखते हुए कहा की नरेंद्र का यह काम कई सौ करोड़ का है और अंतराष्ट्रीय स्तर का है। यह काम सरकारें करें तो कई सौ करोड़ खपा देंगी |
पुस्तक विमोचन के बाद सभी अतिथियों एवं जिले भर से आए 22 ग्राम के कलाकारों ने सुस्वादिष्ट बघेली व्यंजन का आनंद लिया | लोक व्यंजन में लाटा, मक्के के रोटी, जोन्हरी की रोटी, दालपूरी, कोदई, रिकमछ, रसाज, टहुआ, दुधलउअरा, काकुन खीर आदि बघेली व्यंजन बनाए गए थे। जेवनार उपरांत जिले के 22 ग्राम लहिया फाग दल, डिहुली फाग दल, बरिगवां फाग दल, लकोड़ा काली नाच, धुम्मा फाग दल, पुतरिहा फाग दल, रामनगर फाग दल, नकबेल फाग दल, मोहनिया कोलदंहका दल, सांडा फाग दल, बघमरिया फाग दल, बकबा गुदुम बाजा, बकबा कर्मा नृत्य, बकबा अहिराई लाठी, बकबा नगड़िया वादन, कुंसेडा चमरौहीं नृत्य, हथिनापुर कोलदहंका, मनकीसर काली नाच, रामपुर अहिराई, अमरपुर कोहरौही से आए बघेली के विविध कलारूपों के प्रस्तुतियां हुई। प्रथम सत्र के कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ पत्रकार, संस्कृतिकर्मी व लेखक संतोष कुमार द्विवेदी जी द्वारा किया गया |
लोकरंग महोत्सव के दूसरे सत्र की शुरुआत विंध्य की प्रख्यात लोक गायिका मान्या पाण्डेय, महिमा तिवारी, दिव्या तिवारी, सृजन मिश्रा आदि की प्रस्तुतियां हुई। लोक संगीत की प्रस्तुति उपरांत पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया के मुख्य आतिथ्य, गेस्ट ऑफ ऑनर वरिष्ठ विचारक एवं लेखक भास्कर राव रोकड़े एवं विशिष्ट अतिथि वंशमणि वर्मा पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश शासन, डॉ. अनूप मिश्र, ज्ञान सिंह कांग्रेस जिलाध्यक्ष, प्रसिद्ध गोंड चित्रकार ननकुसिया श्याम, मयंक श्याम, एवं राजेंद्र भदौरिया जी की उपस्थित में नरेंद्र सिंह सीधी की दूसरी पुस्तक सोहर राग परम्परा का विमोचन किया गया | विमोचन उपरांत 22 ग्रामों से आए तकरीबन 220 लोक कलाकारों का मुख्य अतिथि अजय सिंह राहुल भैया के द्वारा अंगराग सम्मान से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि एवं गेस्ट ऑफ ऑनर के हाथों प्रदेश के दो भिन्न भिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे दिग्गजों पद्मश्री बाबूलाल दाहिया एवं मयंक श्याम को अंगराग सम्मान प्रदान किया गया | लोक कलाकारों के सम्मान उपरांत गोंड पेंटिग एवं खोम्हरी समृति चिन्ह के रूप में अतिथियों को भेंट किया गया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजय सिंह राहुल भैया ने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने की दिशा में बात करते हुए कहा कि हमारा परिवार विंध्य क्षेत्र, मध्यप्रदेश एवं देश की तमाम लोक सांस्कृतिक विरासतों के लिए कार्य करता रहा है हम इसे आगे बढ़ाएंगे । यह सांस्कृतिक विरासत हमारा गौरव है। तो वहीं कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ ऑनर भास्कर राव रोकड़े ने नरेंद्र के बघेली लोक संपदा के संग्रह कार्य की तारीफ करते हुए कहा की यह दुरूह कार्य नरेंद्र ने जो कर दिखाया उसका कोई मूल्य नहीं है इसके लिए नरेंद्र को साधुवाद। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में बघेली कवि सम्मेलन हुआ जिसमें कवि रूप में रामनरेश तिवारी निष्ठुर, शिवशंकर मिश्र सरस, अशोक तिवारी अकेला, शंभू सोनी, अनिल सिंह, रामलखन बघेल महगना, बृजेश सरल, उमेश मिश्र लखन, आरती तिवारी, दिनकर पाठक, अतुल उपाध्याय आदि कवियों ने काव्यपाठ किया | महोत्सव के विशेष सहयोगी अखिलेश पाण्डेय, विजय सिंह लकोड़ा, कमलेंद्र सिंह डब्बू, अजय सिंह गहरवार एवं कार्यक्रम का संयोजन रजनीश जायसवाल, संतोष कुमार द्विवेदी, धीरज सिंह, मोहित सिंह, रावेंद्र प्रजापति आदि ने किया |