मध्यप्रदेश

नवोदय परीक्षा में प्रवेश हेतु किया गया फर्जीवाड़ा,एक ही परीक्षार्थी को दूसरी बार परीक्षा दिलाने की गई थी तैयारी, जानिए फिर हुआ क्या…

नवोदय परीक्षा में प्रवेश हेतु किया गया फर्जीवाड़ा,एक ही परीक्षार्थी को दूसरी बार परीक्षा दिलाने की गई थी तैयारी, जानिए फिर हुआ क्या…

प्रवेश पत्र जारी हो गया था लेकिन परीक्षा नहीं दे पाया परीक्षार्थी कहा सीएलओ।

सीधी मझौली
सीएम राइस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मझौली में पूर्व निर्धारित तिथि के मुताबिक 29 अप्रैल को नवोदय प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई जिसमें कुछ अपात्रों को लाभ पहुंचाने के नियत से फर्जीबाड़ा के सहारे परीक्षा दिलाने का प्रयास किया गया लेकिन उसमें वे कामयाब नहीं हुए।


आयोजित परीक्षा के संबंध में सेंट्रल लेवल आबजर्बर रबी पांडेय द्वारा बताया गया कि कुल 527 छात्र छात्राओं ने परीक्षा के लिए नामांकन किया था जिनमें 70 अनुपस्थित रहे शेष सभी परीक्षार्थियों ने परीक्षा दिया है। साथ ही बताया गया कि नवोदय प्रवेश परीक्षा के संबंध में प्रावधान किया गया है कि जो छात्र छात्रा कक्षा 3, 4 एवं 5 का अध्यापन कार्य किए हैं उसी को चालू सत्र में यानी कि जिसमें छात्र छात्रा कक्षा 5वी की पढ़ाई करते हैं उसी सत्र में नवोदय की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं जिसके लिए उन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरना पड़ता है।

पोर्टल से जानकारी के मुताबिक पूरे सीधी जिले में 16 एवं मझौली परीक्षा केंद्र में एक परीक्षार्थी ऐसा पाया गया जो पिछले सत्र में भी नवोदय की परीक्षा में शामिल हुआ था उसके संबंध में परीक्षार्थी के अभिभावक को परीक्षा के 1 दिन पूर्व लिखित सूचना देते हुए अवगत करा दिया गया है कि उसके परीक्षार्थी को परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा।

अब सवाल यह पैदा होता है कि जिस परीक्षार्थी ने परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है जिसके लिए किसी न किसी स्कूल या संस्था के द्वारा यह प्रमाणित किया गया होगा कि अमुक छात्र-छात्रा कक्षा तीसरी से पांचवी तक इस विद्यालय में अध्ययनरत है और वह नवोदय की परीक्षा देने के लिए पात्र है तभी तो उसका नामांकन स्वीकार किया गया और प्रवेश पत्र भी जारी किया गया है ऐसे में सबसे पहले संस्था प्रभारी के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने फर्जी तौर पर प्राणित कर ना जाए तरीके से लाभ पहुंचाने का असफल प्रयास किया है। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह माना जाएगा कि पूर्व से इस तरह के फर्जीवाड़े होते रहे और नवोदय प्रवेश परीक्षा जैसे विश्वसनीय संस्था पर सवालिया निशान खड़ा होगा।

अवैध तरीके से अपात्र ले रहे लाभ
सूत्रों की माने तो नवोदय प्रवेश परीक्षा का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों के प्रतिभावान छात्र छात्राओं को इस परीक्षा के माध्यम से एक अवसर दिया जाय जिससे उनके आगे की पढ़ाई और उनके बेहतर भविष्य को अवसर प्रदान किया जाए लेकिन मझौली में आयोजित परीक्षा केंद्र में लगभग 30% परीक्षार्थी ऐसे परिवार से हैं जिनके अभिभावक माता या पिता ज्यादातर शिक्षक हैं या शासकीय सर्विस में है और अपने पुत्र/पुत्री एवं पौत्र/ पौत्रीको ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय विद्यालय में खानापूर्ति के हिसाब से प्रवेश तो दिला देते हैं जबकि उनकी पढ़ाई और ट्यूशन शहरी क्षेत्र के निजी विद्यालयों में कराई जाती है यही वजह है कि ऐसे छात्र/ छात्रा बेहतर शिक्षा का लाभ उठाते हुए नवोदय परीक्षा में अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हो जाते हैं और ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र छात्राओं का अवसर ही समाप्त हो जाता है जो संस्था के उद्देश्य पलीता लगाने जैसा है अब देखना होगा कि इस चुनौती को विभाग किस रूप में लेता है।

विभागीय सूत्रों की माने तो परीक्षा के 1 दिन पूर्व परीक्षा के संबंध में तैयारी बैठक में केंद्राध्यक्ष द्वारा बताया गया था कि 2 परीक्षार्थी अपात्र है जो पिछले सत्र में भी परीक्षा में शामिल हुए थे लेकिन सी एल ओ द्वारा एक परीक्षार्थी की जानकारी दी गई जिससे पूरी परीक्षा व्यवस्था के विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

[URIS id=12776]

Related Articles

Back to top button