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याचिका खारिज शिवराज सरकार की वापस लेने की 11 साल पुराने केस को

पूर्व विधायक रघुराज सिंह कनसाना के खिलाफ 11 साल पुराना केस वापस लेने संबंधी शिवराज सरकार की याचिका को एक विशेष कोर्ट ने खारिज कर दिया है। राज्य का गृह विभाग ग्वालियर के भाजपा नेता के खिलाफ 2012 में दायर मामले को वापस लेने के लिए सहमत हुआ था। कनसाना के खिलाफ हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने और उस जानबूझकर घायल करने तथा डकैती का आरोप है।

 

 

मामले की सुनवाई कर ग्वालियर जिला कोर्ट के विशेष जज सुशील कुमार जोशी ने कहा कि पूर्व विधायक पर अपराधियों को पुलिस हिरासत से रिहा कराने सहित काफी गंभीर आरोप हैं। कनसाना, जो उस समय कांग्रेस में थे, मई 2012 में मोरेना पंचायत के अध्यक्ष थे। दिल्ली पुलिस की एक टीम दिल्ली की एक अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट पर उनके भाई संजीव सिंह कनसाना को गिरफ्तार करने पहुंची थी।

 

 

जब दिल्ली पुलिस संजीव को गिरफ्तार कर कोतवाली पहुंची, तब रघुराज सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर भाई को जबरन छुड़कर पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। मध्यप्रदेश पुलिस ने मामले में रघुराज सिंह कनसाना और उनके साथियों पर मामला दर्ज किया था। शिवराज सरकार पहले भी पूर्व विधायक कनसाना पर से केस वापस लेने का प्रयास कर चुकी है।

 

 

जब 2018 में कनसाना कांग्रेस की टिकट पर मोरेना सीट से विधायक चुने गए थे, तब तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने केस वापस लेने का प्रस्ताव किया था, हालांकि राज्य के गृह विभाग ने 2020 में इस पर अपनी असहमति जाहिर की थी। इसके कुछ ही महीने बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने 22 समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाने से सरकार पलट गई। उन विधायकों में रघुराज सिंह कनसाना भी शामिल थे। जिला अदालत में मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी।

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