मध्यप्रदेश

नशे का कारोबार,कोई कर आत्महत्या तो कोई पहुंचा रहा रहा खुद को जख्म।

नशे का कारोबार,कोई कर आत्महत्या तो कोई पहुंचा रहा रहा खुद को जख्म।

शहर मे बोनफिक्स व सलूशन का फैला अवैध कारोबार, अंकुश नहीं।

पोल खोल सीधी:- शहर मे कबाड़ बिनने वाले बच्चो की एक अलग कहानी सामने लाई है।कबाड़ बिन कर बेचने वाले अधिकांश बच्चे आसानी से उपलब्ध हो जाने वाले वोनफिक्स नशे का सेवन कर अपराध की दिशा मे आगे बढ़ रहे हैं।नशे मे बच्चे इतने उन्माद मे आ जाते हैं कि वह अपने आप को ही चोट पहुंचाने लगते है।जब वह उन्माद अपने चरम पर पहुंचता है तो बच्चा सुसाइड भी कर लेता है।
जिले मे बोनफिक्स व सलूशन की ट्यूब आसानी से उपलब्ध है।किसी भी किराना दुकान, फर्नीचर दुकान या साइकिल की दुकान, पंचर की दुकान मे आसानी से मिल जाता हैं।बोन फिक्स या सलूशन सूघने से जो नशा चढ़ता है।वह नशा करने वाले की सोचने की शक्ति का नाश कर देता है।नशा जब अपने खुमार पर आता है तो नशा करने वाला एक अलग ही दुनिया मे अपने आप को पाता है।वह इतना उन्माद मे पहुंच जाता हैं कि उसके अंदर से खुद व खुद आवाज आने लगती है।दिमाग उसे अपराध करने का कमांड देने लगता है।उन्माद मे बच्चे चोरी करने से लेकर बड़े से बड़ा अपराध करने से जरा भी गुरेज नहीं करते है।नशे की यह घातक सामाग्री प्रतिबंधित न होने की वजह से आसानी से हर जगह उपलब्ध हैं।पुलिस अब जानकारी एकत्र कर बोन फिक्स व सलूशन बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्यवाही करना चाहिए।ऐसे बहुत से दुकानदार है जो जानते है कि बच्चे इसे नशे के लिए खरीद रहे है।जानते बूझते हुए भी दुकानदार बच्चों को यह लिक्विड चंद रुपए कमाने के लालच मे आसानी से बेच देते है।जानकार बताते है कि बच्चों को सामाजिक बुराई से बचाने का दायित्व कहीं न कहीं समाज के लोगों को ही उठाना पड़ेगा।बच्चे अगर बार बार बोनफिक्स या सलूशन खरीदने पहुंचते है तो उन्हें यह सामान नहीं बेचना चाहिए।इनहेलर वेस्ट दवाएं सीधे दिमाग पर असर डालती है।यह बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है बड़ो को खासकर ऐसे लोगों को समझाना चाहिए कि व्यापार अपनी जगह ठीक है लेकिन स्वच्छ समाज बनाना भी हम सब का दायित्व है।

नशा कर देता है सोचने की क्षमता का विनाश :-
बोनफिक्स व सलूशन का ज्यादा इस्तेमाल करने से बच्चो के सोचने व समझने की शक्ति का नाश होने लगता है वह उन्माद मे आने की वजह से नशे की लत को पूरा करने के लिए वह चोरी की लत को पूरा करने के लिए वह चोरी करने लगते है।अधिकांश घुमंतू बच्चे भिक्षा मांग कर कबाड़ बिन कर या फिर चोरी कर अपने इस नशे के शौक को पूरा करने मे लगे रहते है।

बच्चे थे वह खुद को पहुंचाते है चोट :-
जानकारो की माने तो बच्चों की काउंसलिंग की जाए तो पता चल जाएगा कि बच्चे नशा करने के बाद उन्होंने अपने आप का काफी नुकसान पहुंचाया है।किसी ने अपने हाथ को ब्लैड से काटा है तो किसी ने अपने शरीर के दूसरे अंग पर ब्लैड या चाकू से काटकर राहत महसूस करते है।

पुलिस नहीं कर पाती एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही :-
बोनफिक्स का नशे मे इस्तेमाल लंबे समय से हो रहा है।इसका नशा सबसे ज्यादा घुमंतु बच्चों मे ही देखा गया है।यह नशा सबसे ज्यादा पहले साइकिल की दुकानों मे देखा जाता था।हर जगह आसानी से उपलब्ध नशे का यह सामान अधिकांश बच्चों का भविष्य खराब कर रहा है।पुलिस को इसकी जानकारी भी है,लेकिन नशे की श्रेणी मे न आने के कारण पुलिस नशे का यह सामान बेचने वालों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही नहीं कर पाती है।

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