सुपेला में श्रीमद् भागवत कथा,भागवत कथा मनोरंजन नहीं है यह मनोमंथन है : देवी चित्रलेखा।

सुपेला में श्रीमद् भागवत कथा,भागवत कथा मनोरंजन नहीं है यह मनोमंथन है : देवी चित्रलेखा।
सीधी सिहावल सुपेला,1 मई, श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिन प्रख्यात कथावाचक देवी चित्रलेखा द्वारा अपने उद्बोधन में श्रीमद् भागवत महात्म्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भागवत कथा मनोरंजन नहीं है यह मनोमंथन है ,मन के मंथन का स्वरूप ही हरि कथा है।
इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता ।
देवी चित्रलेखा ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है।
देवी चित्रलेखा जी ने कहा वेदों का सार है भागवत । मनुष्य के जीवन की उपलब्धि प्रभु कृपा से धनवान, बलवान, शक्तिमान बनने की हो सकती है किंतु कथा सुनने का मन बना ले तो भगवान की अति कृपा होती है।
उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य जीवन में दुनिया के सभी रस का पान जीभ से किया जाता है किंतु हरि कथा का रसपान कान के द्वारा किया जाता है।कान से ही मन व चित में शक्ति प्राप्त होती है और जीवन ऊर्जावान बनता है।
देवी चित्रलेखा जी ने कहा बताया की जीवन में सारा खेल विचारों का है दृष्टि बदले तो सृष्टि बदले,भागवत कथा सत्संग देती है,नजरिया देती है ,दिशा देती है और जीवन को ऊंचा उठाने का काम करती है।
उन्होंने भागवत की महिमा को बताते हुए कहा की भागवत कथा का पहला गुण सत्य है, सत्य ही हमारी पहचान है ,क्योंकि भगवान के हम अंश हैं।
दूसरा गुण चित् अर्थात चित् स्वरूप जीव चैतन्य स्वरूप है, जिसे आत्मा कहते हैं आत्मा ही परमात्मा का अंश है। तीसरा स्वरूप है आनंद, सत चित आनंद भगवान के तीन मुख्य गुण हैं।भगवान का नाम आनंद इसलिए है कि भगवान के चरण में परम शांति और परम आनंद है। भगवान सृष्टि की उत्पत्ति,उसका संचालन एवं संहार कर्ता है।
उन्होंने सत्संग पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिस प्रकार शरीर के संचालन के लिए पौष्टिक पदार्थों की आवश्यकता होती है उसी प्रकार मन की खुराक है सत्संग ।
हम सभी को नियमित रूप से सत्संग करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि
श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है।
विधायक श्री पटेल का जन्मदिन पर शुभकामनाएं।
क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का सोमवार को जन्मदिन होने से व्यासपीठ से देवी चित्रलेखा जी ने उन्हें आशीष एवं शुभकामनाएं प्रदान की। इस पर विधायक जी ने उन्हें नमन कर उनके प्रति आभार एवं कृतज्ञता ज्ञापित की।
भारी वर्षा के बीच कथा हुई।
बेमौसम बरसात की स्थिति,कथा आरंभ होने के पूर्व ही बारिश शुरू हुई, जो पूरे समय तक होती रही ।
इसके बाद भी श्रद्धालु विचलित नहीं हुए इस पर देवी चित्रलेखा जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह श्रीमद् भागवत कथा की ही महिमा है कि ऊपर बारिश हो रही है और कठिनाइयों के बाद भी श्रद्धालु हरि भक्त विचलित नहीं होकर भी कथा का श्रवण और मनन कर रहे है।
बारिश संकट नहीं यह भगवान की कृपा है।
हरि कथा में प्रमुख रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरुण यादव,राज्यसभा सदस्य श्री राजमणि पटेल, श्री चिंतामणि तिवारी श्री अंबिकेश पांडे श्री परमजीत पांडे श्री शारदा सिंह गुड्डू ,श्रीमती श्याम वती सिंह ,श्रीमती काजल वर्मा, श्री विनोद वर्मा श्री मनोज सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे कथा में जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित थे।