जनता का दर्द समझने के बजाए फोटो खींचा रहे नेता !

जनता का दर्द समझने के बजाए फोटो खींचा रहे नेता !
हर समाज को साध रहे नेता ताकि चुनाव में न झेलनी पड़े नाराजगी,लेकिन जनता के वास्तविक मुद्दों से है अनजान…
पोल खोल सीधी:-
देशभर में कमरतोड़ महंगाई ने आम आदमी का बजट बिगाड़कर रख दिया है। हर तरफ बेरोजगारी का दंश युवा झेल रहे हैं। वहीं, 40 डिग्री के पार जा चुके तापमान के बीच लगातार होती बिजली की अघोषित कटौती। इस सब के बीच जनता की तकलीफें न पक्ष समझ पा रहा है ना ही विपक्ष। दरअसल, जिन चुने हुए जनप्रतिनिधियों, पार्टी के पदाधिकारियों और तथाकथित युवा नेताओं को जनता के बीच होना चाहिए। वे जनता को आश्वासन देते रहते है और विपक्ष को उनकी आवाज उठानी चाहिए, लेकिन दोनों ही दल शादी समारोह में अपना वोट बैंक सुरक्षित रखने फोटो सेशन करा रहे हैं। फिर युवा और तथाकथित युवा नेता सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि…
आज फलां शादी में शामिल होने का सौभाग्य मिला, आज फलां वरवधू को आशीर्वाद दिया। कुल मिलाकर जिन्हें जनता के बीच होना चाहिए वे अपना वोट बैंक सुरक्षित करने में लगे हैं। हालांकि बचे हुए फ्री समय में भी पक्ष और विपक्ष ऐसा कुछ कर ही नहीं रहे जिसे जनता याद रखे या थोड़ी राहत महसूस करे। जिले में विपक्ष की स्थिति तो इतनी बदतर है कि जिम्मेदार अधिकारी को तीन-तीन बार कॉल करने के बावजूद उन्हें इस मुद्दे पर बात करने की परवाह नहीं है। उनके बदले विधायको व सांसद ने भी बेबाकी से बात नहीं रखी। जिससे जनता को कुछ लाभ मिले।
विपक्ष :- जमीनी आवाज उठाने की बजाए मीडिया पर ही एक्टिव
लगभग जिलास्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर पूरी तरह से सशक्त विपक्ष के तौर पर फेल हो चुकी कांग्रेस भी जनता की आवाज नहीं बन पा रही है। महंगाई, बेरोजगारी, बिजली की किल्लत सहित अन्य तमाम मुद्दें हैं जिन पर कांग्रेस प्रदर्शन कर सकती है, जनता की आवाज बन सकती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा। सोशल मीडिया पर वार करने में जुटे नेता जमीनी स्तर पर न काम करवा पा रहे हैं न खामियां उजागर कर पा रहे, ऐसे में जनता की तकलीफें समझने वाला कोई नहीं है, सब कुछ भगवान भरोसे ही है।
समझिए आपकी तकलीफों को कितना समझ रहा पक्ष और विपक्ष…
महंगाई सभी जगह की दिक्कत है। महंगाई लोकल का मामला नहीं है, हर जगह इससे दिक्कत आ रही है। रही बात जनता की तो जो पदेन हैं उन्हें सोचना चाहिए कि अपने स्तर पर जो जनता के लिए बेहतर हो सकता है उसे भी नहीं कर पा रहे हैं। कितने ही तथाकथित नेता पनपे हैं, दिनभर फोटो खिंचाने से उन्हें फुर्सत नहीं है। वे जनता के काम कराएं, जिला की दशा बिगाड़ने में ऐसे ही तथाकथित जिमेदारों का हाथ है। उन्हें जनता भविष्य में कभी माफ नहीं करेगी।
लोग आना नहीं चाहते,भ्रमित हो रहे:-
वही विपक्ष की ओर से राजनीति कर रहे जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर विरोध तक नहीं कर रहे।हर तरफ जनता परेशान हैं, लेकिन पक्ष विपक्ष के जनप्रतिनिधि ही आगे नहीं आना चाहते। जब तक आम जनता विरोध नहीं करेगी तब तक देश का कुछ नहीं हो सकता, जनता भागीदारी सुनिश्ति करे।
मोदी जी कहते थे थाली बजाओ, टॉर्च जलाओ कोरोना चला जाएगा, अब क्यों नहीं कहते है कि थाली बजाओ टॉर्च जलाओ महंगाई जाएगी? सब जनता भुगत रही है तो जनता को भी आगे आना होगा,लोग कहते हैं कि 110 रुपए करीब पेट्रोल हो गया है,तो भी मोदी जी को ही वोट देंगे,तो अब क्या कहा जा सकता है,जनता अभी भी अब उन्हें बोले कि महंगाई कम करें।
सोशल मीडिया पर यूं एक्टिव रहते हैं हमारे जनप्रतिनिधि:-
:- आज फलां शादी में शामिल हुए।
:- आज वरवधू को आशीर्वाद देकर आए साहब।
:-फलाने के यहां पहुंचकर बधाई दी।
:-भाई साहब के साथ शादियों में घूमते हुए।
:- विधायक जी के साथ पूर्व नेता के यहां शादी में लड्डू खाते हुए।
:- अध्यक्ष जी के साथ क्षेत्र के शादी समारोह के कार्यक्रमों में।
:- विधायक जी के यहां चल रही भागवत कथा में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
(नोट : नेताओं के फोटो के साथ ये मैसेज लिखे जा रहे हैं)