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मिली गड़बड़ी तीन करोड़ से ज्यादा की राइस मिलिंग में

डिंडौरी जिले में राइस मिलिंग के नाम पर तीन करोड़ से अधिक की गड़बड़ी उजागर हुई है। यह गडबडी आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) जबलपुर की जांच में सामने आई है। इसके बाद मिल संचालक दंपती पर धोखाधड़ी और विश्वास का आपराधिक हनन करने की धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।

 

ईओडब्ल्यू एसपी राजेश मिश्रा- ने बताया कि भौतिक सत्यापन के दौरान 35 लाट धान कम मिला है। संबंधित धान धोखाधड़ी कर खुले बाजार में बेचने के आरोप हैं। इस मामले में शासन को तीन करोड़ तीन लाख दस हजार की आर्थिक क्षति पहुंचाने का अंदेशा है। ग्राम कोहका में संचालित नर्मदा राइस मिल संचालक रमेश राजपाल व उनकी पत्नी प्रोपाइटर रिचा राजपाल के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है।

 

ईओडब्ल्यू एसपी ने बताया कि नर्मदा राइस मिल संचालक ने मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन जिला डिंडौरी से तीन सौ लाट धान का अनुबंध मिलिंग के लिए किया था। मिल संचालक पर आरोप हैं कि उनके द्वारा 282 लाट धान का उठाव किया गया। इसके बदले 222 लाट चावल दो मई 2023 तक जमा किया गया है। शेष 60 लाट धान मिल संचालक के पास जमा था।

 

भौतिक सत्यापन जिला प्रबंधक नान मुकुल त्रिपाठी, वेद प्रकाश श्याम और मिल संचालक की मौजूदगी में किया गया। सत्यापन में कुल नौ लाट धान, 16 लाट चावल कुल 25 लाट धान चावल पाया गया। शेष 35 लाट धान भौतिक सत्यापन में कम पाया गया।

 

सत्यापन में कम मिले धान की कीमत तीन करोड़ तीन लाख दस हजार आंकी गई है। राइस मिल संचालक रमेश राजपाल कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि भी हैं। उनका कहना है कि मिल में जगह की कमी के कारण धान कहीं और रखा था। मुझ पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मामले में मिल संचालक खुद निर्दोष बता रहे हैं, वही इओडब्ल्यू की कार्रवाई का विरोध कर रहे है।

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