कांग्रेस का स्पेशल प्लान महाकौशल के लिए

मप्र की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ने कई प्लान बनाया है। इसी के तहत महाकौशल की 38 सीटों को जीतने के लिए स्पेशल प्लान बनाया गया है। इस प्लान के तहत कांग्रेस के प्रचार अभियान की शुरुआत पार्टी की नेता प्रियंका गांधी अगले महीने जबलपुर से करेंगी। जबलपुर महाकौशल का केंद्र है जहां बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी है।
पिछले चुनाव में जबलपुर संभाग में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत हासिल की थी। मध्य प्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर 2018 को हुआ था। भाजपा शासित इस राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 24 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने क्षेत्र के 38 विधानसभा क्षेत्रों में से 13 पर जीत हासिल की थी।
वहीं, एक सीट पर कांग्रेस के करीबी निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। वर्ष 2013 में, कांग्रेस ने इस क्षेत्र में खराब प्रदर्शन किया तथा उसने 13 सीटें हासिल की जबकि भाजपा ने 24 सीटों पर विजय दर्ज की थी और तब भगवा पार्टी राज्य में सत्ता में आई थी। -विंध्य को भी कवर करेगी रैली कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने विशेष रूप से पार्टी के अभियान की शुरुआत के लिए जबलपुर को इसलिए चुना है कि इस रैली से पड़ोसी विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में कांग्रेस को मदद मिलेगी।
कांग्रेस के अनुसार इस क्षेत्र में एक मजबूत सत्ता विरोधी भावना है जहां बड़ी संख्या में आदिवासी, पारंपरिक कांग्रेस मतदाता रहते हैं। महाकौशल या जबलपुर संभाग में-जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और छिंदवाड़ा सहित आठ जिले आते हैं। विंध्य क्षेत्र में पिछली बार भाजपा ने 24 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस केवल छह सीटें ही जीत पाई थी।
मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में 230 सदस्यीय सदन में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी, जबकि भाजपा ने 109 सीट पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनाई थी लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कई विधायकों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले जाने से कांग्रेस नीत सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में आई तथा शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ।