मध्यप्रदेश

जनपद स्वच्छता प्रभारी की मनमानी से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी योजना।

जनपद स्वच्छता प्रभारी की मनमानी से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी योजना।

कमीशन के दम पर मनमानी जागहो पर स्वीकृत किये शोकपिट एवं नाडेफ।

सीधी। समग्र स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत शहरों की तर्ज पर गांवों को भी स्वच्छ रखने के उद्देश्य से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग योजना अन्तर्गत शोकपिट एवं नाडेफ निर्माण का कार्य चल रहा है इस योजना के नाम पर स्वच्छता प्रभारी एवं ग्राम पंचायतों में सरपंच-सचिव एवं रोजगार सहायकों द्वारा जमकर खेल खेला जा रहा है। सूत्रों की माने तो ऐसे जगहों पर यह शोकपिट एवं नाडेफ निर्माण कराया जा रहा है जहां उसकी कोई आवश्यकता ही नही है। सीधी जनपद अन्तर्गत जमकर मनमानी का खेल स्वच्छता प्रभारी द्वारा मिलकर खेला गया है। सूत्रों द्वारा बताया गया कि पांच प्रतिशत कमीशन स्वच्छता प्रभारी को देने के बाद ही कार्यो की स्वीकृती मिली है। ग्रामीणों की माने तो बंद एवं खराब पड़े हैंडपंपों के आसपास शोकपिट का निर्माण कराया जा रहा है जहां पानी की एक बूंद भी नही देखने को नही मिल रही है। इसी तरह कचरा संग्रहालय का निर्माण कार्य जोरो पर चल रहा है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि एक भी कचरा संग्रहालय केन्द्र में कचरा देखने को नही मिल रहा है।

यह है योजना का स्वरूप / पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कचरा संग्रहालय बनाने का जो मुख्य उद्देश्य है उसके पीछे की प्रमुख वजह यह है कि गांवों की गलियों में जो कचरे जमा रहते है वह एक जगह एकत्रित होगें, दूसरा उसे नष्ट करके जैविक खाद तैयार कर खेती के उपयोग में लाया जा सके। लेकिन यहां पंचायतों में योजना को मूल स्वरूप से बाहर कर सिर्फ राशि हजम करने के उद्देश्य से औचित्यहीन एवं अनुपयोगी स्थलों पर नाडेफ का निर्माण कराया जा रहा है।

जांच पर होगा खुलाशा/ बताया गया है कि जिले के सीधी जनपद पंचायत अन्तर्गत नाडेफ एवं शोकपिट निर्माण के नाम पर सबसे ज्यादा भर्रेशाही मची हुई है। जनपद कार्यालय में सबसे आओ और पहले पाओ की तर्ज पर कार्य स्वीकृत किये गए है। सबसे बड़ी बात यह है कि कई जगह तो ऐसे शोकपिट बनाये गए है जहां हैंडपंप वर्षो से नही चला फिर भी बना दिये गए है। अगर इन कार्यो की जांच कराई जाय तो करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार निकल कर सामने आयेगा।

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