मध्यप्रदेश

ऐसा कोई चौराहा नहीं बचा जहां पर न लगता हो आवारा पशुओं का जमावड़ा,प्रशासन के अब तक के प्रयास विफल दुर्घटना का बना रहता है खतरा।

ऐसा कोई चौराहा नहीं बचा जहां पर न लगता हो आवारा पशुओं का जमावड़ा,प्रशासन के अब तक के प्रयास विफल दुर्घटना का बना रहता है खतरा।

पोल खोल सीधी:- शहर के अंदर आवारा पशुओं की धमाचौकड़ी प्रशासन के लिए चुनौती साबित होने लगी हैं।शहर का ऐसा कोई चौराहा या मार्ग नहीं बचा है जहां कि प्रतिदिन आवारा पशुओं का जमावड़ा न लगा रहता हो।इन्हें रोकने के लिए प्रशासन ने तो प्रयास ही नहीं किए जिससे ये प्रयास विफल रहे।परिणामस्वरूप आवारा पशुओं के जमावड़ा से अक्सर वाहन दुर्घटना का खतरा बना रहता है फिर भी प्रशासन की इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है।खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।


बीच सड़क पर अचानक लड़ने लगते है पशु:-
अक्सर देखा जाता है कि किसी भी चौराहे मे जब आवारा पशु खड़े रहते है तो अचानक आपस मे ही लड़ने लगते है।इसके चलते आने-जाने वाले वाहनों के दुर्घटना का खतरा पैदा हो जाता हैं।कर्ई बार इस तरह की घटनाएं हो भी चुकी हैं।इस तरह की घटनाएं सबसे ज्यादा दो पहिया वाहनों की सामने आती हैं।जब आपस मे लड़ रहे मवेशियों से दो पहिया वाहन जाकर टकराते है और चालक चोटिल हो जाते है।

सब्जी मंडी मे रहता है जमावड़ा :-
शहर के मध्य में संचालित पालिका बाजार में सब्जी मंडी मे काफी भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र माना जाता है लेकिन यहां पर करीब एक दर्जन आवारा पशु अक्सर भीड़ के बीच घूमते रहते है।ऐसे पशु जहां व्यापारियों की सब्जियां खाकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं वही भीड़ के बीच जब पहुंच जाते है तब लोगों के बीच भगदड़ मच जाती हैं।मंडी के अंदर दो पहिया वाहन भी घुसते है उन्हें भी ऐसे आवारा पशु ठोकर मारकर गिरा देते है।सब्जी व्यापारियों ने बताया कि इस तरह की घटनाएं यहां आए दिन घटती रहती हैं जो अब आम होती जा रही हैं।

पालकों के विरुद्ध नहीं हो रही कार्यवाही:-
करीब दो वर्ष पूर्व नगर पालिका प्रशासन ने शहर मे अवारा पशुओं की समस्या को देखते हुए आदेश जारी किया था कि शहर के अंदर जो पशु विचरण करते है उसके लिए पालक जिम्मेदार होगे और पशुओं को चिन्हित करके ऐसे पालकों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएंगी।लेकिन यह आदेश सिर्फ आदेश बनकर रह गया।इस पर अमल आज तक नहीं हुआ।आज भी तमाम पालक खासकर गायों को दुहने के बाद छोड़ देते है।वही बैलों को तो कभी बांधते ही नहीं है।
यहां रहता है जमावड़ा :-
:- सम्राट चौराहा और न्यू बस स्टैंड तक
:- अस्पताल चौराहा से अमहा तिराहा मार्ग तक
:- सोनांचल बस के अंदर तक

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