अवैध खनन की जांच करने चुरहट पहुचीं खनिज टीम,खनिज विभाग की कार्यवाही रही कोरमपूर्ति तक सीमित।

अवैध खनन की जांच करने चुरहट पहुचीं खनिज टीम,खनिज विभाग की कार्यवाही रही कोरमपूर्ति तक सीमित।
बिना अनुमति तहसील के बगल मे खोद डाला पहाड़।
पोल खोल सीधी:-
तहसील कार्यालय चुरहट के बगल में स्थित पहाड़ी को बिना अनुमति के खनिज माफियाओं ने खोद डाला है। जिसको लेकर मीडिया द्वारा खबर का प्रकाशन किया गया तब जाकर खनिज विभाग के अधिकारियों की नींद टूटी और एक महीने बाद खनिज विभाग का जांच दल वहां पहुंचा जहां खनिज माफिया पहले से ही मौजूद रहा है। तो जांच कार्रवाई क्या होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि जिले में इन दिनो खनन माफियाओं के हौंसले काफी बुलंद है इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि खनिज अधिकारी द्वारा खनन करने के लिए पूरी छूट प्रदान कर दी गई है जिससे माफिया बेखौफ होकर जहां मन हो रहा है वहां उत्खनन करने से नही चूक रहे है। चुरहट तहसील कार्यालय के बगल में स्थित पहाड़ी को खनिज माफियाओं द्वारा बिना किसी अनुमति के जेसीबी मशीन लगाकर समतल बना दिया गया। जब शिकायतकर्ताओं द्वारा इसकी शिकायत अधिकारियों से की तब जाकर इनकी नींद टूटी और महीने भर बाद कोरमपूर्ति करने के लिए खनिज माफिया की मौजूदगी में स्थल पंचनामा तैयार किया गया है। जहां शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि खनिज अधिकारी माफिया के इशारे पर पंचनामा कार्रवाई के लिए खनिज विभाग से अधिकारी पहुंचे है और उन्ही के इशारे पर पूरी कार्रवाई की जायेगी जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त कार्रवाई कितनी कारगर होगी। बताया गया कि चुरहट तहसील कार्यालय से लगी पहाड़ी से करोड़ों की मुरूम व पत्थर निकासी की जा चुकी है।
की गई थी कलेक्टर से शिकायत:-
खनिज अधिकारी से शिकायत करने के बाद जब किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही हुई तो शिकायतकर्ता कलेक्टर साकेत मालवीय के पास पहुंच कर की। तब कलेक्टर द्वारा खनिज विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया जिस पर मंगलवार को अमला पहुंचा और माफियाओं के समक्ष नापजोख की है।
कार्रवाई वसूली तक ही सीमित:-
जिले में अवैध खनिज सम्पदा का कारोबार जोरो से चल रहा है लेकिन खनिज अमला कहीं भी दिखाई नही पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो जिले का खनिज अमला इन दिनो सिर्फ वसूली तक सीमित है हैरानी की बात यह है कि रेत खदानों से रेत का परिवहन करने वाले वाहनों में इन दिनो व्यापक मात्रा में ओव्हरलोडिंग का खेल चल रहा है लेकिन खनिज विभाग द्वारा इनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नही की गई।
मीटिंग तक सीमित है खनिज अधिकारी:-
जिला खनिज अधिकारी दीपमाला तिवारी को शायद ही किसी ने भ्रमण करते देखा होगा। विभागीय सूत्रों की माने तो वह सिर्फ मीटिंग करने आती है और मीटिंग के बाद वापस लौट जाती है। इन दिनो खनिज अधिकारी दीपमाला तिवारी के साथ-साथ खनिज निरीक्षक भी देखने को नही मिल रहे है। बताया गया है कि जिले में जब से दीपमाला तिवारी की पदस्थापना हुई है तब से अवैध खनिज सम्पदा का दोहन जोरो पर हो रहा है। इसकी जानकारी ऊपर स्तर के अधिकारियेां को भी है लेकिन कोई भी मुंह खोल पाने की स्थिती में नही देखे जा रहे है।