मध्यप्रदेश

मातृभूमि की सेवा में लगे हैं जिले के 2 हजार जवान,देश की सेवा करते हुए शहीद हो चुके हैं दर्जनों सैनिक,1700 से ज्यादा सैनिक हो चुके हैं सेवानिवृत्त। 

मातृभूमि की सेवा में लगे हैं जिले के 2 हजार जवान,देश की सेवा करते हुए शहीद हो चुके हैं दर्जनों सैनिक,1700 से ज्यादा सैनिक हो चुके हैं सेवानिवृत्त। 
सीधी: देश की सीमा की रक्षा करने को लेकर सीधी जिले के युवाओं में हमेशा से जज्बा रहा है। इसी जज्बे को साकार करने के लिए काफी संख्या में युवा फौज की विभिन्न बटालियनों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। देश के सीमा की रक्षा करते हुए सीधी जिले के दर्जन भर सैनिक अभी तक शहीद हो चुके हैं। वहीं 2 हजार से ज्यादा जवान वर्तमान में भी देश की सेवा में पूरी तरह से समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। सीधी जिले के करीब 1800 जवान अभी तक देश की सेवा करते हुए सेवा निवृत्त हो चुके हैं। इनमे आर्मी, एयरफोर्स से, नेवी से जवान सेवा निवृत्त हो चुके हैं। सेवा निवृत्त होने वाले करीब 265 जवानों का निधन भी हो चुका है, उनके स्थान में उनकी विधवाओं को शासन से मिलने वाली सभी मदद प्राप्त हो रही हैं। देश की सीमा की रक्षा करते हुए वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान सीधी जिले के प्रथम शहीद लांस लायक श्यामलाल सिंह निवासी ग्राम गोरियरा थे। वे 18 राज राइफल रेजीमेंट में अपनी सेवाएं देते हुए युद्ध के दौरान 5 दिसम्बर 1971 को वीरगति को प्राप्त हुए थे। इसी तरह 5 मराठा लाई रेजीमेंट में कार्यरत शहीद सिपाही रघुवंश प्रसाद निवासी ग्राम झांझ, रामपुर नैकिन श्रीलंका में चल रहे आपरेशन पवन में कार्य करने के दौरान 8 सितम्बर 1988 को शहीद हुए थे। 165 फील्ड रेजीमेंट में नियुक्त शहीद हवलदार रामरूप तिवारी निवासी ग्राम कुआं, रामपुर नैकिन भी श्रीलंका में चल रहे आपरेशन मेघदूत के दौरान 20 अप्रैल 1990 को वीरगति को प्राप्त हुए थे। 503 एएससी बटालियन में पदस्थ शहीद हवलदार बृजभूषण तिवारी निवासी कलेक्ट्रेट के पीछे पानी टंकी के पास सीधी आपरेशन विजय के दौरान देश की रक्षा करते हुए 8 जुलाई 1999 को शहीद हुए थे। 9 आरआर एएससी रेजीमेंट में पदस्थ शहीद सिपाही दिलीप कुमार निवासी ग्राम भितरी आपरेशन रक्षक के दौरान देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी। 39 आरआर 3 ग्रेनेडियर में पदस्थ शहीद जीडीआर ताम्रध्वज सिंह निवासी सुभाष नगर बनिया कालोनी सीधी आपरेशन रक्षक में अपनी जांबाजी दिखाते हुए 9 सितम्बर 2001 को शहीद हुए थे। 13 राज राइफल में पदस्थ शहीद लांस नायक सुधाकर सिंह निवासी डढिय़ा, चुरहट आपरेशन रक्षक में देश के सीमा की रक्षा में  8 जनवरी 2013 को शहीद हुए थे। 1 बटालियन सीआरपीएफ में पदस्थ शहीद सिपाही धर्मपाल सिंह वार्ड नं.21 रानी दुर्गावती सीधी नक्सली आपरेशन के दौरान नक्सलियों से मोर्चा लेते हुए 5 अगस्त 2001 को शहीद हुए थे। इसी तरह 119 बटालियन सीआरपीएफ में पदस्थ शहीद सिपाही रामसिया मिश्रा नक्सली आपरेशन के दौरान 1 जून 2005 को वीरगति को प्राप्त हुए थे। सीधी जिले के युवाओं में आरंभ से ही देश सेवा का जज्बा रहा है। इसी वजह से यहां से काफी संख्या में युवा फौज की विभिन्न बटालियनों में भर्ती होकर देश की सेवा में पूरी तरह से मुस्तैद रहे हैं। वर्तमान में भी फौज की नौकरी को लेकर युवाओं में काफी आकर्षण है। यहां से काफी संख्या में युवक अपने जेहन में देश सेवा का जज्बा लेकर फौज की होने वाली भर्ती में शामिल होते हैं। काफी संख्या में युवाओं को भर्ती परीक्षा में भी सफलता मिलती है। काफी संख्या में युवा आज भी देश सेवा के लिए फौज में भर्ती होने के लिए अपनी शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाने के साथ ही बौद्धिक क्षमताएं भी बढ़ाने में लगे हुए हैं। जिससे उनका प्राथमिकता के साथ चयन हो सके।

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