मध्यप्रदेश

आकाश से बरसने लगी आग: पारा पहुंचा 42 डिग्री,बाजारों में दोपहर को थम जाती है चहल-पहल। 

आकाश से बरसने लगी आग: पारा पहुंचा 42 डिग्री,बाजारों में दोपहर को थम जाती है चहल-पहल। 
सीधी: जिले भर में गर्मी की विभीषिका बीते कुछ दिनों से अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। सुबह 10 बजे के बाद से ही सूर्य देव की किरणें आग बरसाना शुरू कर देती हैं। लिहाजा बाहर निकलने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीते तीन-चार दिनों से थर्मामीटर का पारा 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। तेज धूप एवं गर्म हवाओं के चलते बाजारों में दोपहर सन्नाटा पसरा नजर आने लगा है। गर्म हवाओं के चलने से लू लगने का खतरा भी काफी तेजी से बढ़ चुका है। स्थिति ये है कि अब लोग घर से बाहर निकलते हैं दोपहर में तेज धूप एवं लू से बचने के लिए गमछा या नकाब का सहारा लेने लगे हैं। जिससे लू के थपेड़ों से बचा जा सके।
भीषण गर्मी में घर से बाहर निकलने पर लोगों को शीतल पेय जल की जरूरत भी महसूस होती है इस वजह से लोग पानी की तलाश में भी इधर-उधर भटकते देखे जा सकते हैं। शहरी क्षेत्रों में तो सार्वजनिक प्याऊ संचालित हो चुके हैं लेकिन कस्बाई क्षेत्रों में अब भी पानी को लेकर भटकाव बना हुआ है। आर्थिक रूप से सक्षम लोग तो होटलों से पानी के पाउच या बाटल लेकर अपनी प्यास बुझा लेते हैं लेकिन गरीब तबके के लोग हैण्डपम्प की तलाश में भटकते देखे जाते हैं। ये व्यवस्था न होने पर वो पानी के लिए होटलों में भी जाकर सम्पर्क बनाते हैं।
जिला मुख्यालय में नगर पालिका परिषद द्वारा बाजार क्षेत्र के कुछ स्थानों में सार्वजनिक प्याऊ का संचालन शुरू करा दिया गया है। वहीं समाजसेवियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी प्याऊ का संचालन बाजार क्षेत्रों में भीड़भाड़ को देखते हुए कुछ जगहों में किया जा रहा है। वर्तमान में वैवाहिक कार्यक्रमों का आयोजन होने के कारण बाजार क्षेत्र एवं बस स्टैण्डों में भीड़भाड़ ज्यादा रहती है। यदि गर्मी इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो आने वाले दिनों में और ज्यादा समस्या गंभीर हो जाएगी। भीषण गर्मी में दोपहर घर से निकलने के बाद सबसे ज्यादा खतरा लू लगने का ही बना हुआ है। वर्तमान में दोपहर के समय यात्रियों की फजीहत सबसे ज्यादा हो रही है। यात्रियों के समक्ष पानी की समस्या बनी रहती है। ये अवश्य है कि अधिकांश लोग वाहनों में सफर के दौरान अपने साथ में पानी की बाटल लेकर चलते हैं, लेकिन सामान्य बाटल में पानी कुछ समय के अंदर ही पूरी तरह से गरम हो जाता है। फिर भी मजबूरी में लोग गरम पानी के सहारे ही सूखे कंठों को तर कर रहे हैं। जहां भी वाहन खड़े होते हैं यात्री नीचे उतरकर पानी की व्यवस्था में लग जाते हैं।
माना जा रहा है कि अभी भीषण गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है। इस वजह से दोपहर के समय घर से बाहर निकलने के दौरान लू से बचाव के लिए सभी प्रबंध करके निकलना चाहिए। खास तौर से शीतल पानी का भरपूर सेवन करने के साथ ही शीतलता प्रदाय करने वाले खाद्य सामग्रियों का उपयोग प्राथमिकता के साथ करना चाहिए। जिससे लू से बचाव में मदद मिल सके।
जानकारों का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में गर्मी की विभीषिका सबसे ज्यादा बनी हुई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पेड़ पौधे बहुतायत में हैं वहां गर्मी के दिनों में भी असर ज्यादा नहीं है। कई स्थानों पर तो लोग दोपहरी में गर्मी से राहत पाने के लिए पेड़ पौधों के बीच ही अपना समय गुजारते हैं। जहां पेड़ पौधों की संख्या ज्यादा है वहां गर्मी का असर कम है। भीषण गर्मी के बीच ही वैवाहिक कार्यक्रमों की भरमार होने के कारण काफी संख्या में लोग दूर-दूर की यात्रा करने के लिए भी मजबूर हैं। ऐसे में ज्यादा परेशानी का सामना बुजुर्गों, छोटे बच्चों एवं महिलाओं को करना पड़ रहा है। वर्तमान में लू लगने के मरीजों की संख्या भी सीधी जिले में तेजी के साथ बढऩे लगी है। लू लगने के बाद होने वाली तकलीफों के चलते लोग डॉक्टरों के पास उपचार कराने के लिए पहुंच रहे हैं। खाली पेट लू लगने पर स्थिति और भी ज्यादा नाजुक हो सकती है। ऐसे में कुछ खा-पीकर ही घर से निकलना चाहिए।

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