Sonebhadra: स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौती सोनभद्र में धड़ल्ले से चल रहे है नर्शिग होम हर हॉस्पिटलों से किया जा रहा है वशूली

अवैध रूप से चल रहे है हजारों की सँख्या में फर्जी क्लीनिक और अस्पताल,स्वास्थ्य विभाग में नही है पंजीयन
पोल खोल सोनभद्र
दिनेश पाण्डेय
अवैध रूप से चल रहे है हजारों की सँख्या में क्लीनिक और अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग के सामने खुली चुनौती लेकिन स्थानीय स्तर पर विभागीय लापरवाही और मिलीभगत से खुलेआम फर्जी मेडिकल और हास्पिटल संचालित है। क्योकि इन सबके संचालकों की पकड़ जिले के बड़े अधिकारियों और नेताओं तक होने की वजह से कुछ नही होता है। जबकि विभाग के लोग खुब जानते है कि कहां कहां क्या क्या हो रहा है। बस विभाग के लोग खाना पूर्ति करके दिखावा करते है। जब कोई शिकायत करता है तो ऐसे जागते है जैसे पता चलता है
कि उनको कुछ पता ही नही था नही तो पहले ही एफआईआर दर्ज करा देते पहले ही एफआईआर दर्ज करा देते। अवैध क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग सील करके नोटिस देता है फिर एक हप्ते बाद खुल जाता है कैसे इसके पीछे का क्या है राज कौन है इस खेल का चाणक्य, स्वास्थ्य विभाग जब जाँच करने जाता है तो सब कुछ देखता है
उसके बाद उसी समय डाक्टर के विरुद्ध क्लीनिक अवैध तरीके से संचालित होती पाई जाती है तो कार्यवाई क्यो नही होती है। स्वास्थ्य विभाग विगत वर्षों से ही नोटिस भेजता चला आ रहा है, जैसे में बन्द किये गए हॉस्पिटलों का नमूना -शास्वत हॉस्पिटल (हिन्दुआरी),एस हॉस्पिटल,सद्भावना हॉस्पिटल,साईं नाथ हॉस्पिटल,साईं नाथ हॉस्पिटल (रामगढ़),साईंनाथ पाली हॉस्पिटल (रामगढ़),सद्गुरु हॉस्पिटल (रामगढ़),अंसारी क्लिनिक (चतरा),पंचशील हॉस्पिटल (डाला),महावीर हॉस्पिटल रेलवे फाटक,परमहँस हॉस्पिटल उरमोरा,सनराइज हॉस्पिटल बीजपई,सकेत हॉस्पिटल,दुर्गा हॉस्पिटल महिला थाना,जीवन दान चुर्क मोड़ ऐसे हजारों की सख्या में हॉस्पिटलों को नोटिस दिया गया था
क्या इसका सब कुछ पुड़ा हो गया ।अगर नही पुड़ा हुआ तो खुला कैसे किस आधार पर स्वास्थ्य विभाग केवल हॉस्पिटलों पर जांच के नाम पर टारगेट बनाकर संचालको को दौड़ाने का काम करता है।इसके पीछे का क्या खेल है ये तो संचालक और स्वास्थ्य विभाग बताएगा।